आवाज ए हिमाचल
25 जून। निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने के लिए बनाए गए विधेयक में मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर दस लाख रुपये जुर्माना और दस साल की कैद का प्रावधान करने की मांग की गई है। जिलों से उच्च शिक्षा निदेशालय पहुंचे सुझावों में आम जनता ने हर वर्ष फीस में छह फीसदी की वृद्धि के प्रावधान का विरोध किया है। निजी स्कूलों की ओर से चयनित दुकानों से ही किताबों व वर्दी खरीद की व्यवस्था पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। तीस जून तक फीस नियंत्रित करने को बनाए विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे जा सकते हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि रोजाना जिलों से सुझाव मिल रहे हैं। तीस जून के बाद सुझावों और आपत्तियों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। अभी तक मिले सुझावों में लोगों ने मनमानी करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ विधेयक में कड़े प्रावधान करने की मांग की है। सरकार के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा निदेशालय ने आम जनता से विधेयक को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा है। इच्छुक लोग उच्च शिक्षा निदेशालय या जिला उपनिदेशक कार्यालयों में लिखित में या निदेशालय की वेबसाइट पर ऑॅनलाइन सुझाव दे सकेंगे।