आवाज़ ए हिमाचल
13 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों के 51 फीसदी अयोग्य पाए गए हैं। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की जांच में यह खुलासा हुआ है। दोनों निजी विश्वविद्यालयों पर यूजीसी के वर्ष 2009 और वर्ष 2016 के नियमों का पूरा नहीं करने का आरोप है। कई शिक्षक नेट पास नहीं हैं। नेट पास नहीं होने पर विशेष छूट लेने के लिए भी इनकी ओर से कदम नहीं उठाए गए। आयोग ने इन शिक्षकों को अयोग्य करार देते हुए संबंधित विश्वविद्यालयों को अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का मौका दिया है। 14 अन्य निजी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की जांच अभी जारी है। संभावित है कि एक सप्ताह के भीतर यह जांच पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच शुरू हो गई है।
आयोग की जांच कमेटी ने सोमवार से दस्तावेजों को खंगालने का काम शुरू किया है। निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार दे चुके आयोग ने अब शिक्षकों की जांच करने का फैसला लिया है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा मिले, इसके लिए शिक्षकों का योग्य होना बहुत जरूरी है। आयोग की जांच कमेटी फर्जी डिग्री मामले में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय का जल्द दौरा करेगी।
यहाँ पढ़ने वाले जिन विद्यार्थियों की डिग्रियां सही हैं, उन्हें किस प्रकार से राहत दी जाए इसके लिए जांच कमेटी रास्ता निकालेगी। कमेटी की सिफारिशों से सरकार को अवगत करवाने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में गुणात्मक शिक्षा में सुधार लाने और प्रदेश को एजूकेशन हब बनाने के लिए राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग सेमिनार करने जा रहा है। मई के पहले सप्ताह में सभी निजी विश्वविद्यालयों के चांसलरों को इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा।