आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। नगर निगम धर्मशाला में प्रॉपर्टी टैक्स के लिए अब ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे करवाया जाएगा। यह सर्वे कंपनी की बजाय सरकार के स्तर पर करवाया जाएगा। लंबे समय से नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स लगाने की प्रक्रिया मर्ज एरिया में अटकी पड़ी है लेकिन अब सरकार द्वारा सर्वे करने से इस प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना है। सरकार की ओर से जो कंपनी अधिकृत की जाएगी वह इस प्रक्रिया को पूरा करेगी। इसके बाद नगर निगम धर्मशाला में प्रॉपर्टी टैक्स सभी 17 वार्डों में लगाया जाएगा। यहां यह बताना जरूरी है कि अभी नगर निगम में मर्ज एरिया में प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि नगर निगम धर्मशाला में पहले ही नई प्रणाली के तहत संपत्ति कर लगाने को असैसमेंट सर्वे शुरू किया गया था। 6 माह के सर्वे को संबंधित कंपनी ने लगभग साढ़े 7 वर्ष लगा दिए, जिसके चलते कंपनी का टैंडर रद्द कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स लगाने को लेकर सरकार के समक्ष भी अनुशंसा भेजी है। बता दें कि नगर निगम की ओर से जुलाई में हुए जनरल हाऊस में पार्षदों ने सर्वे की कमियों को लेकर सवाल उठाए थे। वर्ष 2016 में प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर असैसमेंट सर्वे को लेकर टैंडर प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत राशि भी कंपनी को आबंटित की गई और कंपनी को यह सर्वे प्रक्रिया 6 माह में पूरी करनी थी। बावजूद इसके वर्ष 2013 तक भी यह सर्वे पूरा नहीं हो पाया है।
उधर, नगर निगम धर्मशाला के मेयर ओंकार नैहरिया ने बताया कि आजकल टैंडर प्रक्रिया ऑनलाइन की जाती है, जिसके चलते जो बाहर की कंपनियां टैंडर लेती हैं, उन्हें पहाड़ी क्षेत्र में कार्य करने की इतनी जानकरी नहीं होती। यही वजह है कि 6 माह के सर्वे को संबंधित कंपनी ने लगभग साढ़े 7 वर्ष लगा दिए और उक्त कम्पनी काम छोड़ कर जा चुकी है। ओंकार नैहरिया ने कहा कि नगर निगम धर्मशाला में लोगों से लिए जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स में भी छूट दी जाएगी।