आवाज ए हिमाचल
9 मार्च। किसान आंदोलन का मुद्दा एक पिटीशन पर लाखों लोगों हस्ताक्षर होने ब्रिटिश संसद में उठाया गया। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।लंदन में भारतीय उच्चायोग ने भारत में तीन कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर एक ‘ई-याचिका’ पर कुछ सांसदों के बीच हुई चर्चा की निंदा की है। भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी कर कहा कि किसान आंदोलन को लेकर गलत तथ्यों पर आधारित बहस थी।
भारत उच्चायोग ने सोमवार शाम ब्रिटेन के संसद परिसर में हुई चर्चा की निंदा करते हुए कहा कि इस एक तरफा चर्चा में झूठे दावे किए गए हैं। उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि बेहद अफसोस है कि एक संतुलित बहस के बजाय बिना किसी ठोस आधार के झूठे दावे किए गए। इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक और उसके संस्थानों पर सवाल खड़े किए हैं।