आवाज ए हिमाचल
27 अप्रैल। राजधानी दिल्ली में 19 अप्रैल से जारी लॉकडाउन ने न केवल बाजार और रोजगार को प्रभावित किया है, बल्कि इससे दिल्ली मेट्रो रेल निगम को भी भारी नुकसान हो रहा है। 3000 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे के साथ चल रही दिल्ली मेट्रो अब लॉकडाउन के कारण और भी बेहद कम क्षमता के यात्रियों के साथ दिल्ली-एनसीआर में दौड़ रही है। मार्च 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण से पहले दिल्ली मेट्रो की रोजाना कमाई 10 करोड़ रुपये थी, लेकिन इसके बाद लगातार 6 महीने तक बंद रही। सितंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली मेट्रो का संचालन तो शुरू हुआ, लेकिन कम यात्रियों की क्षमता के साथ, जो अब तक जारी है। हालांकि, दिल्ली मेेट्रो के घाटे को लेकर अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
लॉकडाउन ने दिया बड़ा झटका
अब तक दिल्ली मेट्रो बेहद कम झमता के साथ रफ्तार भर रही थी, लेकिन 19 अप्रैल से दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन ने तो उसे फिर से आर्थिक नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। दिल्ली में आगामी 3 मई तक चलने वाले लॉकडाउन को देखते हुए मेट्रो सेवाओं में कटौती की गई है। दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली मेट्रो की सेवा रोजाना की तरह नहीं रहेगी। इस दौरान सुबह और शाम के वक्त आधे घंटे के अंतराल और बाकी समय में एक घंटे के अंतराल पर चलेगी। इतना ही नहीं, 3 मई तक दिल्ली मेट्रो सभी रूटों पर सुबह 8 से 10 बजे के बीच और शाम को 5 बजे से 7 बजे के बीच आधे घंटे के अंतराल पर चलाई जा रही है। वहीं बाकी समय के बीच मेट्रो सेवा एक घंटे के अंतराल पर चल रही है। दिल्ली मेट्रो की ओर से यह बताया गया है कि सभी रूट पर इसी टाइम पर मेट्रो सेवा चालू रहेगी। लॉकडाउन के दौरान जिनको सफर करने की छूट है वही यात्री सफर कर सकेंगे। जाहिर है कि लॉकडाउन के कारण बहुत सी कंपनियां और फैक्ट्रियां बंद है। इससे आवागमन बंद है और जो आवाजाही कर भी रहे हैं, उनकी संख्या बेहद कम है।
यात्रियों की संख्या लगातार घटती रही
बता दें कि पहले मार्च से अगस्त के दौरान कोरोना महामारी के चलते लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते दिल्ली मेट्रो रेल निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। मेट्रो परिचालन बंद होने से डीएमआरसी को मार्च, 2020 से अगस्त 2020 तक 1500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। डीएमआरसी के अनुसार, कोरोना काल के चलते दिल्ली मेट्रो 22 मार्च से 7 सितंबर तक बंद रही। इस दौरान डीएमआरसी को 1600 करोड़ का नुकसान हुआ था। इसके बाद जब से मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ इसके बाद भी लोग मेट्रो में पहले की तरफ यात्रा करने से बच रहे हैं।
सितंबर से अब तक हो चुका है 1500 करोड़ रुपये का नुकसान
अनलॉक के दौरान सितंबर के पहले सप्ताह से दिल्ली मेट्रो चरणबद्ध तरीके से शुरू तो हुई, लेकिन बेहद कम यात्री संख्या के साथ। इसके बाद सितंबर से लेकर जनवरी 2021 तक ही दिल्ली मेट्रो को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था।
खर्च बढ़ा, लेकिन कमाई घटी
कोरोना वायरस संक्रमण और खतरे के चलते सैनेटाइजर, साफ-सफाई के साथ कोरोना की रोकथाम के लिए अन्य मद में भी डीएमआरसी का खर्च बढ़ा है। इससे दिल्ली मेट्रो के संचालन की लागत भी बढ़ गई है, लेकिन कमाई में इजाफा नहीं हुआ है।
लॉकडाउन से पहले 10 करोड़ रुपये रोजाना थी डीएमआरसी की कमाई
लॉकडाउन के पहले यानी मार्च, 2020 से पहले दिल्ली मेट्रो हर दिन तकरीबन 10 करोड़ रुपये का राजस्व जुटा रही थी। यहां तककि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर शाहीन बाग में तकरीबन 3 महीने तक आंदोलन के दौरान दिल्ली मेट्रो की यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ था। इस दौरान कमाई भी बढ़ी थी। इस दौरान कभी-कभार दिल्ली मेट्रो यात्रियों की संख्या 50 लाख से ऊपर तक पहुंच गई थी। इस अनुपात में कमाई भी बढ़ी थी। आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 महामारी से पहले रोजाना करीब 62 लाख यात्री दिल्ली मेट्रो में सफर करते थे, लेकिन अब यह संख्या अब कई गुना घट गई है।