ढांगूपीर में निजी स्कूलों की मनमानी के आगे अभिवावक वर्ग बेवस

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आवाज़ ए हिमाचल

14 अप्रैल। तहसील इंदौरा के तहत आने वाले निजी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक वर्ग के साथ जयराम सरकार भी बेवस नजर आ रही है। बच्चों के दाखिले को लेकर अभिभावक वर्ग जब निजी स्कूलों में दाखिला करवाने पहुंच रहे हैं तो वहां स्कूल प्रशासन द्वारा गत कोरोना काल के समय की ट्यूशन फीस के साथ एनुअल फीस भी जबरदस्ती वसूल कर रहे हैं।

अभिभावक वर्ग ने कोरोना काल के समय की ले रहे एनुअल फीस को छलावा का नाम देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा भी निजी स्कूलों को यह आदेश दिया गया था कि निजी स्कूल वर्ष 2020-21 के एनुअल चार्ज नहीं ले सकते हैं बल्कि निजि स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेनी होगी। लेकिन इसके बावजूद निजी स्कूल प्रशासन के नियमों को दरकिनार कर सरकारी नियमों की अवहेलना करने पर लगे हैं। जिसका खमियाजा स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र वर्ग के अभिभावक वर्ग भुगत रहे हैं।

अभिभावक वर्ग ने सरकार का लचीलापन बताया अभिभावक वर्ग का आरोप है कि निजी स्कूलों की मनमानी के चलते सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उनका कहना है कि वर्ष 2020- 21 में छात्र वर्ग करोना काल के समय स्कूलों में नहीं गए और ना ही स्कूलों की सम्पत्ति आदि का इस्तेमाल नहीं किया गया फिर एनुअल फीस क्यों वसूली जा रही है। अभिभावक वर्ग इस पशोपेशे में है कि निजी स्कूल प्रशासन द्वारा जहां छात्र वर्ग को आगामी कक्षा में प्रवेश से पहले ट्यूशन फीस के साथ साथ गत वर्ष की ऐनयूल फीस भी ले रहा है।वहीं, दूसरी तरफ आगामी वर्ष की भी दाखिला फीस भी जमा करवा रहे हैं। जिसका दोहरा बोझ अभिभावकों पर पड़ रहा है। जिसको लेकर वे निजि स्कूल प्रशासन व सरकार को कोस रहे हैं कि निजी स्कूलों के आगे सरकार व प्रशासन निसहाय व पंगु क्यों है। अभिभावक संजीवन ठाकुर ने बताया कि विकास खंड इंदौरा के‌ तहत आते सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा जमकर अभिभावकों को दोनों हाथों से लुटने में लगे हुए हैं। प्रशासन और सरकार इस मुद्दे पर बस मुकदर्शक ही बनी हुई है। सरकार को इन प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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