आवाज़ ए हिमाचल
22 दिसम्बर। पिछले छह साल की कोशिशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन कश्मीर का रंग डीडीसी चुनावों में सुर्ख होने में कामयाब रहा। कश्मीर ने पहली बार भगवा चोला ओढ़ा और पार्टी तीन सीटें जीतने में सफल रही। संख्या बल में तो यह गुपकार गठबंधन के मुकाबले काफी कम है, लेकिन खास बात यह है कि आतंक का गढ़ दक्षिणी कश्मीर हो या फिर एलओसी से लगा उत्तरी कश्मीर या फिर अलगाववादियों का गढ़ रहे मध्य कश्मीर। सभी जगह भगवा ब्रिगेड ने एक-एक सीटें जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जिला विकास परिषद चुनाव में आतंक का गढ़ रहे दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा की काकपोरा सीट से मिन्हा लतीफा, श्रीनगर (मध्य कश्मीर) की खानमोह से इंजीनियर एजाज और बांदीपोरा (उत्तरी कश्मीर) की तुलैल सीट से एजाज अहमद खान सीट जीतने में कामयाब रहे हैं। कश्मीर घाटी में भाजपा ने 140 में से 50 पर अपने प्रत्याशी खड़ेेे किए थे। घाटी में कमल खिलाने को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए पार्टी ने युद्धस्तर पर तैयारियां कीं। केंद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज उतार दी गई। केंद्रीय नेता शाहनवाज हुसैन ने यहां कैंप कर रखा था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, अनुराग ठाकुर व डॉ. जितेंद्र सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री व जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ, आशीष सूद ने पूरे संभाग में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सभाएं कीं। कुल 100 से अधिक सभाएं विभिन्न स्थानों पर की गईं। इसके साथ ही भाजपा ने डल झील में तिरंगा शिकारा रैली निकालकर फिजा बनाने की कोशिश की। गुपकार रोड पर महबूबा के घर के बाहर तिरंगा रैली निकाली।