अभिषेक मिश्रा बिलासपुर
16 नवंबर। बिलासपुर नगर के डियारा सेक्टर में शालिग्राम और तुलसी का विवाह बड़ी धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। अवस्थी परिवार में वधु पक्ष का प्रबंध था जबकि पंडित बाबू राम शर्मा लखनपुर से शालिग्राम की बारात लेकर डियारा सेक्टर पहुंचे। वर पक्ष की ओर से बारातियों के पारंपरिक साफे उनकी वेशभूषा धरती पर अलौकिक दृश्य प्रस्तुत कर रही थी। अवस्थी परिवार की ओर से घर को आकर्षक रौशनाई से सजाया गया था। सुबह बारातियों का बाकायदा स्वागत हुआ, चाय पानी के बाद नाश्ता परोसा गया। इसके बाद घर के आंगन में सजाई गई वेदी में विद्धान पंडितों द्वारा विवाह पढ़ा और इससे संबंधित रस्में निभाई गई। डियारा सेक्टर ही नहीं बल्कि नगरवासी भी इस अलौलिक विवाह के साक्षी बने। पंडित भास्करानंद जी की मानें तो जो कोई भी इस विवाह का साक्षी बनता है, उसके जीवन में केवल आंनद ही आनंद होता है।
उन्होंने बताया कि जीव द्वारा अपनी सभी इंद्रियों को भगवान नारायण यानि शालिग्राम तुलसी में रमा देना ही तुलसी विवाह कहलाता है। उन्होंने बताया कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु चतुर्मास की निंद्रा से जागते हैं। एकादश से पूर्णिमा तक यानि भीष्म पंजक के पांच दिनों में कभी भी इस विवाह कार्य को संपन्न किया जा सकता है। इस दौरान दीप दान महत्वपूर्ण है। पंडित भास्करानंद जी ने इस कथा पर प्रकाश डाला। महर्षि नारद ने जलंधर को बरगलाया कि देवताओं ने सारा अमृत पी लिया है और इसका प्रतिशोध इस बात से हो सकता है कि तुम पार्वती को अपने अधीन कर लो, जिससे तुम त्रिलोकी के स्वामी हो जाओगे। जलंधर भगवान शिव से युद्ध करने के लिए निकल पड़ा। इससे पूर्व मां पार्वती यानि शक्ति ने भगवान विष्णु से असुर का संहार करने की प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने इसी प्रकरण वृंदा का शील हरण किया।
वृंदा ने भगवान विष्णु को पत्थर में परिवर्तित होने का श्राप दिया जबकि विष्णु ने वृंदा को तुलसी बनने के लिए श्रापित किया। इस दौरान भगवान श्रीहरि ने वृंदा से कहा कि उनका विवाह होगा तथा जन्म जन्मांतरों तक यह प्रेम अविरल बना रहेगा। पंडित भास्करानंद ने कहा कि इस बारात मे शामिल होने वाला और विवाह देखने वाले परम आनंद की प्राप्ति करते हैं उनके जीवन में मंगल ही मंगल होता है। इस अवसर वधु पक्ष की ओर से प्यारे लाल अवस्थी, नरेंद्र शर्मा, रक्षा अवस्थी, राकेश शर्मा, सुरेखा शर्मा, निशांत, शिवानी, शिल्पा, परियू, गुलाब सिंह ठाकुर, संजीवन शर्मा, अनीश ठाकुर, दीपक शर्मा आदि ने बारात का भव्य स्वागत किया और शाम कहलूरी धाम के साथ हिंदु समाज की रस्मों के साथ विदा किया। जबकि वर पक्ष से पंडित परमानंद शर्मा, पंडित बाबू राम शर्मा, पुनीत शर्मा, प्रदीप शर्मा, अनूप वात्सायन व भास्करानंद सहित अन्य लोगों ने बारात की शोभा बढ़ाई।