आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में हिमाचल देशभर में फिर अव्वल आया है। पिछले चार सालों से हिमाचल प्रदेश को टीबी उन्मूलन में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार हासिल हो रहा है। वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्ति दिलाने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। हिमाचल में टीबी विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास सफल हो रहा है। इन्ही प्रयासों के परिणाम है कि 2022 में टीबी उन्मूलन की दिशा में हिमाचल प्रदेश के जिला लाहुल एवं स्पीति सहित आठ जिलों को कांस्य पदक और चार जिलों ने रजत पदक जीते हैं। हिमाचल प्रदेश टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने कि दिशा में पुरजोर कोशिश कर रहा है।
नीति आयोग ने टीबी उन्मूलन में किए गए प्रयासों में संपूर्ण भारत में हिमाचल प्रदेश को प्रथम स्थान दिया है। भारत सरकार ने राज्य को 2019, 2020, 2021 और 2022 में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में सम्मानित किया था। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में टीबी जांच दर देशभर में सबसे अधिक है।
जहां देश मे एक लाख कि आबादी में सिर्फ 1239 लोगों कि जांच होती हैं, हिमाचल में एक लाख कि आबादी में 3975 लोगों कि जांच यानी अन्य राज्यों कि अपेक्षा चार गुना जांच दर है, जो कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का मुख्य मापदंड है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा ने प्रदेश कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम टीम व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा की सभी अपने प्रयासों को जारी रखें तथा टीबी रोगियों के प्रति सहानुभूति और सम्मान देने के साथ ही पोषण कि व्यवस्था करना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉक्टर गोपाल बेरी, जो राज्य क्षय रोग अधिकारी के रूप में इस कार्यक्रम से जुड़े रहे है, उन्होंने कहा कि कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में हिमाचल ने स्थानीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार द्वारा इस सम्मान के जरिए राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, हिमाचल के संचालन और प्रबंधन की उत्कृष्टता को सम्मानित किया गया है, जो कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम टीम के लिए गौरव कि बात है।