बोले- अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर देकर खुद को क्लीन चिट दे रही प्रदेश सरकार
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
2 जुलाई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्तमान भाजपा सरकार खुद ही वकील, खुद ही गवाह और खुद ही अदालत बन गई और खुद ही फैसले लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है।
200 करोड़ के टेंडरों के बारे में जो क्लीन चिट वर्तमान सरकार ने अपने अधिकारियों को दी है उससे स्पष्ट दिखाई देता है लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में भाजपा के विधायकों और मंत्रियों के चहेतों को टेंडरों की जो बंदर बांट की थी उसकी लीपापोती की जा रही है। यह अपने आप मे एक बड़ा घोटाला है जिसकी गवाही खुद ही सरकार दे रही है और खुद ही फैसला सुना रही है।
राम लाल ठाकुर ने हैरानी जताते हुए कहा कि सी और डी क्लास के ठेकेदारों के टेंडर ए क्लास के ठेकेदारों को देने के पीछे की सरकार की मंशा ठीक नहीं थी और अब इस बड़े घोटाले को खुद ही क्लीन चिट देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश प्रदेश सरकार ने की है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग की टेंडर प्रक्रिया पर यह भी प्रश्न खड़ा किया है कि क्या प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के अधीन काम करने वाले सी और डी क्लास ठेकेदारों की कमी थी या फिर उनको टेंडर प्रक्रिया में प्रवेश न करवा कर सीधे से ए क्लास ठेकेदारों के साथ पूलिंग करवा दी जाती थी।
उन्होंने कहा कि इस सारी प्रक्रिया में सरकार के चहेते ठेकेदारों और लोक निर्माण विभाग के अफसरों के चहेते ठेकेदारों को यह टेंडर आबंटित किए गए थे। लेकिन जब यह अनियमितता बरती गई तब सरकार ने इसको क्यों नहीं रोका गया और अब जब विधानसभा के चुनाव आ रहे हैं तब अपने को पाक साफ बता कर क्लीन चिट देने का दौर प्रदेश सरकार ने शुरू कर दिया है, जबकि लोक निर्माण विभाग का यह कथन गले से नीचे नहीं उतरता की सी क्लास के ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया और ए क्लास के ठेकेदारों को टेंडर आबंटन कर दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में बड़ा झोल भी है और घोटाला भी है।
राम लाल ठाकुर ने तो यहां तक कहा है कि जो 200 करोड़ के टेंडर सी क्लास की जगह ए क्लास के ठेकेदारों को दिए उनकी गुणवत्ता की भी जाँच करवाई जानी चाहिए और सौ प्रतिशत सही है कि जिन टेंडरों के आबंटन में गड़बड़झाला हो तो उनकी गुणवत्ता पर ठीक हो ही नहीं सकती है आए ऐसे में प्रदेश सरकार अपने आप ही क्लीन चिट दे रही है। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि ठेकेदारी के नियमों के मुताबिक ए क्लास के ठेकेदार पुल, बड़े भवनों और सड़कों का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए डंगे, नालियों के निर्माण संबंधित कार्य भी ए क्लास ठेकेदारों को आवंटित किए गए। जबकि यह सब कुछ प्रदेश सरकार के चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था और मज़े की बात विभागीय जांच के चलते इनको चार्जशीट किया गया।
ठाकुर ने कहा कि इस सारे मामले राज्य सचिवालय के साथ साथ एक आई ए एस अधिकारी ने इस मामले को उजागर करने की हिम्मत जुटाकर कर यह संदेश भी दिया है कि सरकार के लोक निर्माण विभाग में फैल रहा भ्र्ष्टाचार ठीक नहीं है। जिसको अब प्रदेश सरकार ने ही क्लीन चिट देकर अपने को पाक-साफ करने की झूठी इमेज बचाने की कोशिश करी है।