जिला परिषद कैडर में कार्यरत कर्मचारियों का पंचायती राज में किया जाए विलय : चौ. राम कुमार

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 बोले- सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कर्मचारियों की मांगे जायज

आवाज़ ए हिमाचल

स्वस्तिक गौतम, बीबीएन

2 जुलाई। पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी ने कहा कि जिला परिषद कैडर में कार्यरत समस्त कर्मचारियों व अधिकारियों का पंचायती राज एंव ग्रामीम विकास विभाग में विलय किया जाना चाहिए। मौजूदा समय में जिला परिषद कैडर के अधीन करीबन 4700 अधिकारी व कर्मचारी पिछले 24 वर्षों से विभाग में विलय होने की राह देख रहे हैं। इस कैडर में पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशाषी अभियंता, लेखपाल कर्मचारी आते हैं। लंबे समय से इन सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को अन्य विभागों की तरह स्थाई सरकारी सुविधाएं व वितीय लाभ नहीं मिल रहे, जो कि इन कर्मचारियों के साथ अन्याय है।

चौधरी  ने कहा कि छठे वेतन आयोग में भी सरकार ने इन कर्मचारियों को यह कहकर वितीय लाभ देने से इंकार कर दिया कि यह सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आती, जबकि जिला परिषद कर्मचारियों व अधिकारियों को वेतन प्रदेश सरकार की ग्रांट इन एड से जारी किया जाता है।

चौधरी ने कहा कि इतनी लंबी सेवाओं के बावजूद भी पंचायती राज एंव ग्रामीण विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का कार्य बखूबी निभाने के उपरांत भी इन कर्मचारियों को सरकारी श्रेणी में नहीं लिया जाता तो यह दुखद है।

पूर्व विधायक राम कुमार ने कहा कि 14 जून 1984 की अधिसूचना में पंचायत समिति के तहत काम करने वाले पंचायत सचिवों को ग्रामीण विकास एंव पंचायती राज विभाग में नियुक्त करके विलय किया गया था। तो जिला परिषद कैडर को भी इस अधिसूचन के तहत विलय क्यों नहीं किया जा रहा।

उन्होंने कहा कि आज इन कर्मचारियों व अधिकारियों का शोषण होने के चलते यह सब हड़ताल पर बैठे हैं और अपने हक के लिए मोर्चा खोलने को मजबूर हैं। लेकिन केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार इनकी जायज मांग को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर इन कर्मचारियों को पंचायती राज के तहत विलय करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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