आवाज ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर
27 मई। उपमण्डल नूरपुर के व्यापारिक कस्बा जसूर में निजी क्लीनिक चला रहे नाड़ी विशेषज्ञ डॉक्टर चिराग वैद्य गुप्ता ने कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के हल्के लक्षणों वाले करीब 700 मरीजों को अपनी हैल्पलाईन में दिए गए फोन नम्बरों के माध्यम से न केवल निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया बल्कि उन्हें उपचार के दौरान समय समय पर ली जानी वाली दवाईयों के बारे भी जानकारी दी । खास बात यह थी कि नूरपुर क्षेत्र के आसपास के मरीजों को डॉक्टर चिराग ने अपनी ओर से चिकित्सा परामर्श के साथ साथ दवाइयां , आक्सिमीटर व आक्सीजन सिलेंडर आदि तक की सामग्री निशुल्क उपलब्ध करवाई ।
डॉ चिराग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस महामारी के दौरान सरकारी क्षेत्र में कार्यरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर काम का अतिरिक्त दबाव है जिसके चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें और भीड़ लग रही है । एक डॉक्टर होने के नाते मैंने निर्णय लिया कि सरकारी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ का कुछ बोझ कम करने और मानवता की सेवा करने के लिए उन्हें भी आगे आकर योगदान देना चाहिए । इस उद्देश्य को लेकर उन्होंने 7 मई को ‘डॉक्टर चिराग कोविड केयर हैल्पलाईन’ शुरू की जिसमें पिछले बीस दिनों में प्रदेश के साथ साथ बाहरी राज्यों के करीब 700 लोगों ने उनसे चिकित्सा परामर्श लिया और इनमें से 80 फीसदी मरीज घर पर ही ठीक हो गए जिसकी उन्हें बेहद खुशी है कि वह सरकारी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे लोगों का कुछ बोझ कम करने में मदद कर सके ।
डॉक्टर चिराग ने बताया कि कोरोना को लेकर अधिकतर लोगों में भय की स्थिति थी जिसके लिए पहले तो उनके मानसिक डर को खत्म किया और जो लोग अपना कोविड टेस्ट करवाने से भी डर रहे थे बातचीत के बाद उन्होंने अपने टेस्ट करवाये जिनमें पॉजिटिव पाए गए मरीजों ने स्थिति का डटकर मुकाबला किया और इनमें से अधिकतर लोग अब स्वस्थ हैं । इसमें सबसे खास बात यह भी रही कि उक्त मरीजों को समय रहते अपनी स्थिति का पता चल गया और वे सही उपचार लेकर स्वस्थ्य हुए । डॉक्टर चिराग ने लोगों से आह्वाहन किया कि संकट अभी टला नही है लोग सतर्क रहें अपनी जांच करवाएं। लक्षण दिखने पर बिना डर और समय रहते अपना उपचार लें तभी कोरोना को हराया जा सकता है । उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में एक दूसरे का सहारा बनकर ही इस महामारी को हराया जा सकता है।