आवाज ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर, परवाणू। नगर परिषद परवाणू में पिछले लगभग ढाई माह से अधर में लटका अविश्वास प्रस्ताव का मामला जल्द ही सुलझ सकता है। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए दोनों पक्षों के साथ बैठक भी कर ली है। बैठक में मुख्यमंत्री ने दोनों पक्षों को सुना है। इसके बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन को जल्द ही इस मामले के सुलझाने के निर्देश दिए हैं। उद्योग मंत्री के साथ सीपीएस संजय अवस्थी व स्थानीय विधायक विनोद सुल्तानपुरी को इस पुरे मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है। आगामी कुछ दिनों में इस मामले का हल निकल सकता है, जिसके बाद अभी डी-रेल चल रहे नगर परिषद परवाणू के विकास कार्य पुनः पटरी पर आ सकेंगे।
बता दें कि नगर परिषद परवाणू में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे कांग्रेस समर्थित चार पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसे भाजपा समर्थित दो सदस्यों का भी समर्थन हासिल है। ऐसे में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष नगर परिषद में अकेले पड़ गए है, क्यूंकि शेष बचे एक सदस्य ने अविश्वास प्रस्ताव में भले ही साइन न किया हो लेकिन उसका समर्थन भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में ही है। ऐसे में नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 7 पार्षद हो गए हैं, जबकि विरोध में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ही रह गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव का मामला पिछले ढाई माह से लंबित है, जिसके चलते परवाणू में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ढाई माह से हाउस की बैठक भी नहीं हो पाई है, जिसके चलते शहर के विकास कार्यो पर चर्चा तक नहीं हो पा रही है।
अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने दोनों पक्षों को शिमला बुला कर उनसे बैठक भी की है। दोनों पक्षों की उद्योगमंत्री हर्षवर्धन चौहान, सीपीएस संजय अवस्थी व विधायक विनोद सुल्तानपुरी के साथ भी अलग से बैठक हुई है। उक्त नेताओ के सामने दोनों पक्षों ने अपनी अपनी बात रख दी है। आने वाले दिनों में फिर से तीनो नेता पार्षदों से मिलकर उनकी राय जान सकते है, जिसके बाद इस मामले का पटाक्षेप होना तय है। यदि सब ठीक रहा तो यह मामला सुलझ जाने के बाद औद्योगिक नगरी परवाणू में नगर परिषद से जुड़े विकास के कार्य दोबारा पटरी पर लौट आएंगे।