आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 4 मार्च। हिमाचल के NPS कर्मचारियों ने आज विधानसभा के बाहर प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया है। NPS संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने SMS जारी करके कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री कर्मचारियों से बात करने नहीं आ सकते, उस सरकार से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो इन्हें सत्ता से दूर जाना होगा।
NPS के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के रवैये को देखते हुए आज का धरना स्थगित किया जाता है। आगे की रणनीति तय करके संघर्ष को तेज किया जाएगा। NPS कर्मचारी सीधे तौर पर आर-पार की लड़ाई को तैयार है।
बीती रात पुलिस ने विधानसभा के बाहर शांतिपूर्वक धरना दे रहे NPS कर्मचारियों को बलपूर्वक खदेड़ा। इस दौरान कई महिला कर्मचारी फूट-फूट कर रोईं। कुछ कर्मचारियों को चोट भी आई है। बीते कल ही सैंकड़ों कर्मचारी तीन जगह पुलिस के बैरिकेड तोड़कर विधानसभा पहुंचे।
NPS संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने मुख्यमंत्री के रवैये को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
NPS कर्मचारियों का कहना है कि यदि उन्हें पेंशन नहीं देनी है तो विधायकों की पेंशन भी बंद की जाए। यदि सरकार ऐसा करती है तो कर्मचारी कभी भी पेंशन की मांग नहीं करेंगे।
गौर रहे कि OPS की बहाली के लिए NPS कर्मचारी गत 23 फरवरी से मंडी से शिमला के लिए पैदल मार्च निकाल रहे हैं। बुधवार को ही NPS कर्मचारी शिमला के टूटू पहुंचे। यहां से गुरुवार सुबह विधानसभा के लिए कूच किया। आज इनका विधानसभा का घेराव प्रस्तावित था। इसमें एक लाख कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया गया था, लेकिन बीते कल मुख्यमंत्री के रवैये को देखते हुए इन्होंने हड़ताल को स्थगित करना उचित समझा है।
वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों से बातचीत के लिए मुख्य सचिव और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को भेजा था, लेकिन कर्मचारी इस बात पर अड़े हुए हैं कि मुख्यमंत्री खुद उनसे मिलने आएं, वह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बातचीत के दरवाजे खुले रखे हुए हैं। कर्मचारी आएं और बातचीत करें। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों पर बल प्रयोग की बात को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर रखी है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर कर्मचारियों को भड़काने के आरोप लगाया है।