आवाज ए हिमाचल
8 जनवरी। 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश में नाइलेट के नाम पर बिना मान्यता चलाए जा रहे नौ फर्जी संस्थानों में मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा ने पत्नी को 33 फीसदी का हिस्सेदार बनाकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली थी।छात्रवृत्ति घोटाले में अरविंद राज्टा को सीबीआई ने मुख्य आरोपी बनाया है। वह लंबे समय तक शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा में अधीक्षक के पद पर तैनात रहा है। सूत्रों के मुताबिक इन संस्थानों को करीब 29 करोड़ की छात्रवृत्ति जारी की गई थी। इसमें भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली शक के दायरे में हैं।
खासकर अधीक्षक राज्टा की भूमिका को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी गहनता से पड़ताल कर रही है। आरोप है कि इसमें चार संस्थान नाइलेट, चार स्किल डेवलपमेंट सोसायटी और एक आईटीआई के नाम पर चलाए जा रहे थे। सीबीआई प्रारंभिक जांच में इन संस्थानों के बोर्ड तक उखाड़कर जब्त कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इन संस्थानों के तीन हिस्सेदार थे। इसमें एक हिस्सेदारी राज्टा ने पत्नी के नाम पर ले रखी थी।
अभी तक की जांच में सीबीआई इसमें राज्टा की संलिप्तता ही मानकर चल रही है। हालांकि पत्नी की भूमिका को लेकर छानबीन की जा रही है। इससे पहले सीबीआई छात्रवृत्ति घोटाले में 31 दिसंबर को केसी ग्रुप इंस्टीट्यूट नवांशहर पंजाब में हुए 11.33 करोड़ के घोटाले में अदालत में चार्जशीट दायर कर चुकी है।