छठी व सातवीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूल आएंगे, इन कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन ही होंगी

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आवाज ए हिमचाल 

06 फरवरी।कोरोना महामारी के खतरे के बीच प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में नियमित कक्षाएं जारी रहेंगी। 15 फरवरी से छठी व सातवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों की भी नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। 15 फरवरी से शीतकालीन अवकाश वाले स्कूल भी खुल जाएंगे। पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाने का निर्णय लिया है। इन कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी और इनकी वार्षिक परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही होंगी।

बैठक में शिक्षण संस्थानों की समीक्षा की गई। निर्णय लिया गया है कि यदि किसी शिक्षण संस्थान में विद्यार्थी, शिक्षक या फिर कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आता है तो उस संस्थान को केवल 48 घंटे के लिए ही बंद किया जाएगा। संबंधित प्रोटोकॉल के अनुसार संस्थान को सैनिटाइज करवाया जाएगा। सैनिटाइजेशन के 48 घंटे के बाद दोबारा से संस्थान को खोला जाएगा। मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल में शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने पर भी बैठक में चर्चा की गई। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि सरकाघाट उपमंडल के सभी सरकारी शिक्षण संस्थान आठ फरवरी से खुल जाएंगे। इस दिन से कॉलेजों में भी पढ़ाई नियमित रूप से शुरू हो जाएगी।

पहली अप्रैल से नया सत्र, पहले पिछली कक्षा की होगी दोहराई

प्रदेश में 2021-22 का शैक्षणिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू होगा। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 180 दिन के बजाय सत्र छोटा होगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि शिक्षकों की छुट्टियों में कोई कटौती नहीं होगी। हालांकि गैर शैक्षणिक गतिविधियों को कम किया जाएगा, ताकि तय समय के भीतर पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जा सके। सत्र शुरू होने के बाद शुरुआती दिनों में पिछली कक्षा के पाठ्यक्रम की दोहराई करवाई जाएगी। विभाग का तर्क है कि विद्यार्थियों ने ऑनलाइन ही पढ़ाई की है, इसलिए यह दोहराई जरूरी है।

31 मार्च तक मिड-डे मील बनाने पर रोक

प्रदेश सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए मिड-डे मील व्यवस्था पर फिलहाल रोक लगा दी है। 31 मार्च तक यह रोक रहेगी। इस दौरान विद्यार्थियों को घर से ही खाना लाना होगा। शिक्षा विभाग पूर्व की व्यवस्था के अनुसार राशन उपलब्ध करवाएगा। खाना बनाने पर खर्च होने वाली राशि (कुकिंग कॉस्ट) को अभिभावकों के बैंक खाते में जमा करवा दिया जाएगा।

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