शिव भक्तों ने पुलिस व प्रशासन को शिकायत सौंप उठाई कार्रवाई की मांग
आवाज़ ए हिमाचल
मनीष ठाकुर, भरमौर। चंबा की मणिमहेश यात्रा के दौरान पवित्र मणिमहेश कैलाश पर्वत पर चढऩे का दावा करने वाले एक युवक के वायरल वीडियो के बाद हिमाचल, पंजाब व जम्मू कश्मीर के शिव अनुयायियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। अब मणिमहेश कैलाश पर्वत पर चढ़ने का दावा करने वाले झारखंड के युवक की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। पुलिस मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही है, तो वहीं युवक का मोबाइल फोन स्विच आफ आ रहा है। युवक की इस हरकत से चंबा, भरमौर व समूचे हिमाचल सहित अन्य जगह रह रहे शिव भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। मणिमहेश कैलाश पर्वत को लेकर लोगों में बहुत आस्था है। शिव भक्तों ने पुलिस व प्रशासन से उसके खिलाफ शिकायत सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
गदियाली महक सांस्कृतिक मंच भरमौर के अध्यक्ष सुरेंद्र पटियाल ने इस संबंध में एडीएम भरमौर को बीते कल शिकायत सौंपी है। इसकी प्रति उन्होंने उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को भी कार्रवाई के लिए प्रेषित की है।
वहीं, भरमौर पुलिस थाना के अतिरिक्त प्रभारी पवन कुमार का कहना है पुलिस मामले को स्टडी कर रही है व देखा जा रहा है कि कौन से मामले में एफआइआर दर्ज की जाए। अभी उक्त युवक का मोबाइल नंबर स्विच आफ आ रहा है।
सुरेंद्र पटियाल का कहना है युवक जिस झंडे के पास पहुंचा है, वह स्थान धामघोड़ी के कमलकुंड के बीच एक रास्ता है। जहां से वह कुछ दूरी तक चढ़ा है। उनका कहना है कैलाश पर्वत पर चढ़ने का दावा कर युकव हिंदू धर्म और शिव भक्तों की आस्था पर सीधा प्रहार कर रहा है। यदि युवक शिव भक्त होता तो झंडे वाली जगह जूतों के साथ न बैठता। उक्त स्थाान तक शिव भूमि सेवादल के शिवभक्त हर वर्ष यात्रा के दौरान परिक्रमा के लिए जाते हैं। यह कैलाश चोटी से बहुत नीचे है।
कैलाश पर्वत पर चढ़ने का दावा करने वाले झारखंड के युवक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शिव भक्तों ने पुलिस व प्रशासन से उसके खिलाफ शिकायत सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई है।#Manimahesh @JagranNews #HimachalPradesh pic.twitter.com/TgylejMUsp
— Rajesh Sharma (@sharmanews778) September 10, 2022
गौर रहे कि कैलाश पर्वत पर चढ़ने का जिसने भी आज दिन तक प्रयास किया, उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी हुई। 1965 और 1968 में इटली और जापान के दल ने भी कैलाश पर्वत को फतह करने की कोशिश की थी। लेकिन बर्फबारी और आंधी ने उनके कदम पीछे मोड़ दिए थे। इस दौरान दल में शामिल कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी थी।