आवाज़-ए-हिमाचल
5 दिसम्बर : केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं| वहीं इस मसले पर गृहमंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे| शनिवार को किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की बैठक से पहले ये बड़ी मीटिंग हुई| इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद हैं| केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में पहुंचे| पीएम मोदी के साथ किसान आंदोलन को लेकर गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की बैठक करीब 11.40 बजे खत्म हो गई| यह बैठक करीब दो घंटे चली| बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज दोपहर 2 बजे किसानों के साथ एक बैठक निर्धारित है| मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे| वहीं इस बीच, किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए और उसे लिखित में देना होगा
कि एमएसपी जारी रहेगी| अगर आज की वार्ता से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलता है, तो राजस्थान के किसान एनएच-8 के साथ दिल्ली की ओर मार्च करेंगे और जंतर मंतर पर डेरा डालेंगे| बता दें कि किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं| किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर ठोस भरोसा चाहते हैं| केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर वह राजी होती दिखाई दे रही है | हालांकि किसानों का चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) पर भी प्रदर्शन जारी है| एक किसान ने कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत में आज कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर संसद का घेराव करेंगे| कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पिछले नौ दिन से डटे हुए हैं और उनके प्रदर्शन का 10वां दिन है| तमाम मसलों को लेकर दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है| मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है|