आवाज़ ए हिमाचल
काँगड़ा। कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने पवन काजल व नालागढ़ के विधायक लखविंद्र राणा भाजपा में शामिल हो गए हैं। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर,अध्यक्ष सुरेश कश्यप व अन्य केंद्रीय नेताओं के मौजूदगी में दोनों विधायकों ने विधिवत रूप से भाजपा का दामन थामा।
पवन काजल के भाजपा में जाने से कांग्रेस को कांगड़ा में बड़ा झटका लगा है। पवन को पिछले कुछ समय पहले ही पार्टी का प्रदेश कार्यकारी सदस्य बनाया गया था। काजल ओबीसी वर्ग से सबंधित है। बड़ी बात यह है कि काजल के भाजपा में जाने के काफी पहले से कयास लगाए जा रहे थे। कांग्रेस ने हालांकि एक दिन पहले यानी मंगलवार रात को पवन काजल को कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा कर चंद्र कुमार को यह पद दे दिया था। पवन काजल कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें मान सम्मान न देने के चलते नाराज़ थे।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने कांगड़ा में काजल को बिना विश्वास में लेकर कुछ नियुक्तियां की थी। इसके अलावा धर्मशाला में एक कार्यक्रम में उन्हें दूसरी पंक्ति के बैठाने पर भी नाराज थे। कांगड़ा में अब कांग्रेस को नए सिरे से संगठन तैयार करना होगा।
दूसरी तरफ नालागढ़ से विधायक लखविंद्र राणा भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। लखविंद्र राणा भी पार्टी से नाराज़ चल रहे थे। बताया जा रहा है कि नालागढ़ में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह के दखल से राणा नाराज़ चल रहे थे। बाबा ने पिछला विधानसभा चुनाव नालागढ़ से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। पार्टी ने उन्हें उस दौरान बाहर का रास्ता दिखाया था, लेकिन चुनाव के बाद पार्टी ने उन्हें वापस ले लिया।
बाबा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के खासमखास है। राणा इसलिए भी नाराज़ थे, क्योंकि प्रतिभा सिंह के अध्यक्ष बनते ही बाबा को कांग्रेस का प्रदेश महासचिव मनोनीत कर दिया था। बाबा हालांकि, कसौली विधानसभा क्षेत्र के परवाणू के रहने वाले हैं। कसौली क्षेत्र आरक्षित होने के चलते वे नालागढ़ में जमीन तलाश रहे है। बाबा ने अब नालागढ़ में ही घर ले लिया है तथा वे लंबे समय से वहां अपने दावेदारी ठोक रहे हैं। इस बारे लखविंद्र कई बार अपना विरोध जता चुके हैं, लेकिन उनकी एक न सुनी गई तथा यही बजह है कि वे आज भाजपा में शामिल हो गए।