आवाज़ ए हिमाचल
16 अकतूबर। प्रदेश सरकार के काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट विंग की तरफ से एप में संग्रहित होने वाले डाटा बेस प्रोजेक्ट का कार्य एनआईटी हमीरपुर को सौंपा गया है। इस शोध कार्य पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब भूस्खलन और अन्य आपदाओं का रियल टाइम डाटा एकत्र करने के लिए एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञ एक एप तैयार करेंगे।
एप के माध्यम से आगामी दिनों में सेटेलाइट डाटा के आधार पर एरिया की मेपिंग होगी। भूस्खलन होने पर सेटेलाइट इमेज के आधार पर इसके कारणों का शोध भी संभव हो सकेगा। यह एप भूस्खलन होने पर तुरंत राहत और बचाव कार्य करने वाली एजेंसियों को सूचना देगा। इस एप को इस हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है कि निर्माण कार्य करने वाले एजेंसियों,
पर्यटकों और आम लोगों को यह जानकारी मिल सके कि भूस्खलन के कारण किस एरिया में कौन सी सड़क बाधित है । उनके पास कौन सा वैकल्पिक मार्ग मौजूद है। इस एप में रियल टाइम डाटा के आधार पर लोकेशन की स्टडी होगी। डाटा एकत्र होने के बाद यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में किस समय घटनाएं सामने आ आ रही हैं। इससे एक तरफ जहां अलर्ट मिलेगा तो दूसरी और एक डाटा तैयार होगा।