आवाज ए हिमाचल
25 जनवरी।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साहित्य-शिक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के देवठी-मझगांव क्षेत्र के निवासी विद्यानंद सरैक और कला क्षेत्र के लिए ललिता वकील को पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस तरह से हिमाचल प्रदेश के हिस्से में दो पद्म पुरस्कारों के आने का एलान हुआ है। विद्यानंद सरैक कवि, गीतकार, गायक और शिक्षाविद् हैं।
उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवार्ड समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। इसी तरह से ललिता वकील चंबा रुमाल बनाने के लिए विख्यात हैं। उन्हें भी इससे पूर्व कई राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं।
चंबा रुमाल को नई बुलंदियों पर पहुंचाने वाली ललिता वकील को नारी शक्ति पुरस्कार 2018 से नवाजा गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सम्मानित किया था। ललिता वकील चंबा की अकेली महिला हैं, जिन्हें तीसरी बार भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। ललिता को 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से राष्ट्रीय पुरस्कार नवाजा था। 2012 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिल्प गुरु सम्मान दिया था। ये सम्मान पाने वाली ललिता इकलौती हिमाचली हस्तशिल्पी हैं।
45 वर्षों से ललिता वकील ने चंबा रुमाल की हस्तकला को जीवित रखने तथा अन्य लोगों तक इसे पहुंचाने में विशेष योगदान दिया है। बकौल ललिता चंबा रुमाल की कला को आने वाली पीढ़ियों को भी रूबरू करवाने के लिए वे अपने घर में निशुल्क लड़कियों को कला की बारीकियां सिखाती हैं। चंबा रुमाल अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के कारण देश के अलावा विदेशी में भी लोकप्रिय है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है।
इसके तहत श्री कृष्णलीला को बहुत ही सुंदर ढंग से रुमाल के ऊपर दोनों तरफ कढ़ाई कर उकेरा जाता है। महाभारत युद्ध, गीत गोविंद से लेकर कई मनमोहक दृश्यों को इसमें बड़ी संजीदगी के साथ बनाया जाता है। चंबा रुमाल पर की गई कढ़ाई ऐसी होती है कि दोनों तरफ एक जैसी कढ़ाई के बेल बूटे बनकर उभरते हैं।