आवाज़-ए-हिमाचल
11 नवम्बर : छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी जिला इस बार राष्ट्रीय कामधेनू आयोग के आह्वान पर ईको फ्रेंडली दिवाली मनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने जा रहा है।
आयोग ने इस साल दिवाली पर देश भर में गाय के गोबर से बने 11 करोड़ दीये जलाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वैदिक प्लस्तर संस्था ने गोबर से बने दीये और अन्य उत्पादों को मंडी के बाजारों में उतार दिया है।
मंडी शहर के ऐतिहासिक सेरी मंच पर संस्था ने गोबर से बने उत्पादों का स्टॉल लगा दिया है। वैदिक प्लस्तर संस्था के वितरक कर्ण सिंह ने बताया कि उनके पास गोबर से बने दीये, गोबर और वेस्ट कपड़ों व कागज के मिश्रण से बना मास्क, गोबर से बनी धूप, अगरबत्ती और हवन सामग्री बिक्री के लिए उपलब्ध है।
गोबर से बने चार दीये 50 रूपए में जबकि 6 दीयों का सेट 80 रुपए में बेचा जा रहा है। वहीं मास्क 20 रुपए में बेचा जा रहा है। यह सारे प्रोडक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं।
इन्हें इस्तेमाल करने के बाद खेतों में फैंक देंगे तो वहां खाद के रूप में काम करेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कामधेनू आयोग ने इस दिवाली पर देश भर के 11 करोड़ गाय के गोबर से बने दीये जलाने का संकल्प लिया है
और उसी संकल्प की पूर्ति के लिए संस्था ने यह उत्पाद बाजार में उतारे हैं। उन्होंने बताया कि इन उत्पादों से जहां पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा वहीं गाय के संरक्षण में भी बल मिलेगा।