आज भी सुविधाओं से वंचित है शहीद नाईक मान सिंह की विधवा पत्नी प्रकाशो देवी

Spread the love
आवाज ए हिमाचल
बबलू गोस्वामी, नादौन
12 मार्च। यूं तो शहीदों की शहादत को सलाम करते हुए सरकारें उनके नाम पर अनेकों घोषणाएं कर शहीदों के परिवार के साथ हमदर्दी जताती हैं परन्तु हकीकत में आज भी कई शहीदों के परिवारों को अनेक समस्याओं व चुनोतियों से जूझना पड़ रहा है। जिससे सावित होता है कि सरकारें शहीदों के नाम पर घोषणाएं कर मात्र सहानुभूति बटोरने का ही काम करती हैं । वीरभूमि हिमाचल के हमीरपुर जनपद के नादौन उमण्डल के अंतर्गत गांव बड़ा के रुटैहन के शहीद नाइक मान सिंह की विधवा पत्नी प्रकाशो देवी की कुछ ऐसी ही स्तिथि है । वर्ष 1965 के शहीद की पत्नी प्रकाशो देवी ने जो बताता वह हैरानी भरा है । वह बताती हैं कि शहीद के नाम की घोषणाएं विभागीय फाइलों में बंद पड़ी हैं । शहादत के पांच दशक बाद भी शहीद के परिवार को वह सुविधाएं आज दिन तक मिल पाई जो उनको काफी समय पहले मिल जानी चाहिए थी । शहीद नाईक मान सिंह 9 डोगरा नंबर 3943929  वर्ष 1965 में भारत पाक के युद्ध में शहादत को प्राप्त हो गए थे ।
वह बताती हैं कि जब मेरे पति वीरगति को प्राप्त हुए थे तो मेरा बेटा कर्ण सिंह पठानियाँ उस दौरान मात्र 3 बर्ष का था । प्रकाशो देवी ने बताया कि मै अनपढ़ होने के कारण यह नहीं जानती थी कि मुझे केंद्र व प्रदेश सरकार से क्या सहायता मिलनी चाहिए थी ।  लेकिन जब मेरा लड़का बड़ा होकर सरकारी सेवा में कार्यरत हुआ तो उसे मालूम पड़ा कि मेरी पेंशन बुक के इलावा कोई भी मेरे पति के कागज नही है । लेकिन वर्ष 1999 को अवश्य डोगरा रेजिमेंट के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ द्वारा पंजाब के जालन्धर में एक सम्मेलन में एक प्रशंसा पत्र तथा मैडल भेंट किया गया था । यही नहीं कारगिल आप्रेशन के बाद केंद्र सरकार द्वारा अवश्य 2 लाख रुपए उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी जो उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने कारगिल ऑपरेशन से पहले जो शहीद शहादत को प्राप्त हुए थे, उनको देने की घोषणा की थी । लेकिन 5 दशक बीत जाने के बाद  जो सुविधाएं एक शहादत को प्राप्त हुए शहीद की पत्नी को मिलनी चाहिए थी वह आज दिन तक नहीं मिल पाई हैं ।
आखिर क्यों देश व राज्य सरकार एक शहीद के परिवार को आज दिन तक यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पाई, यह एक बड़ा प्रश्न है । सैनिक कल्याण बोर्ड ने भी आज दिन तक यह जानने का प्रयास नहीं किया कि देश की रक्षा करते हुए शहादत को प्राप्त हुए शहीद नाईक मान सिंह के परिवार को सुविधाएं नहीँ मिल पाईं। शहीद की पत्नी को मलाल है कि इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी सरकार ने उनकी सुध नहीं ली है । वह जानना चाहती है कि आखिर क्या वजह है कि उन्हें उन सब सुविधाओं से आज दिन तक  वंचित रखा गया है जो उन्हें काफी समय पहले मिल जानी चाहिए थी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *