आवाज़ ए हिमाचल
संजीव शर्मा, काँगड़ा।
21 जून। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अर्नी विश्वविद्यालय में योग शिविर का आयोजन किया गया। इस योग शिविर में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुश्री नेहा पांडे (खेल अधिकारी-अर्नी विश्वविद्यालय) ने हमारे जीवन में योग के महत्व के बारे में बताया और सभी को योग कराया।
उन्होंने बताया कि 21 जून को सम्पूर्ण विश्व में योग दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद सामान्य जनमानस में योग एवं इससे जुड़े फायदों के बारे में जागरूक करना है। कोरोना के कारण जहाँ एक ओर लोगो को चिंता, अवसाद, मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ा, जोकि समाज एवं मानवता के लिए एक बहुत बड़ी चुनौति है। ऐसे मैं योग ही एक ऐसा उपाए है, जिसके जरिये इन सभी समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सयुंक्त राष्ट्र महासभा में इसकी पहल की। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित किया एवं 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप मैं मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस अवसर पर डॉ. प्रो. कल्याण कुमार साहू (कुलपति-अर्नी विश्वविद्यालय), चेतन विकास (सीईओ-केडी एजुकेशन ट्रस्ट) आदि उपस्थित थे। विवेक सिंह जी (कुलाधिपति-अर्नी विश्वविद्यालय) ने कहा कि योग हमारे शरीर को भी स्वस्थ रखता है और कार्यस्थल पर विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में भी हमारी मदद करता है।