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मुंबई। रिजर्व बैंक ने लोगों के बीच सिक्कों का वितरण आसान बनाने के लिए क्यूआर कोड आधारित सिक्का वेंडिंग मशीन की शुरुआत करने की घोषणा की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को समाप्त हुई तीन दिवसीय बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा कि जनता के बीच सिक्कों के वितरण में सुधार के लिए कुछ प्रमुख बैंकों के सहयोग से क्यूआर कोड आधारित सिक्का वेंडिंग मशीन पर शीघ्र ही एक पायलट परियोजना शुरू की जाएगी। यह मशीन एक कैशलेस कॉइन डिस्पेंसेशन मशीन है, जो एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करके ग्राहक के बैंक खाते से राशि काटकर उसके एवज में सिक्के का भुगतान करेगी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि क्यूआर कोड आधारित यह मशीन नकद आधारित पारंपरिक सिक्का वेंडिंग मशीन के विपरीत बैंक नोटों की भौतिक निविदा और उनके प्रमाणीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर देगा। क्यूआर कोड आधारित मशीन में ग्राहकों के पास आवश्यक संख्या और मूल्य में सिक्कों की निकासी करने का विकल्प भी होगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि क्यूआर कोड आधारित सिक्का वेंडिंग मशीन की पायलट परियोजना को शुरुआत में देश भर के 12 शहरों के 19 स्थानों पर शुरू करने की योजना है। इन वेंडिंग मशीनों तक लोगों की पहुंच को आसान बनाने के लिए इन्हें रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल, मार्केटप्लेस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाएगा। प्रायोगिक परीक्षणों से मिली सीख के आधार पर क्यूआर कोड आधारित वेंडिंग मशीन का उपयोग करके सिक्कों के बेहतर वितरण को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।