आवाज़ ए हिमाचल
डेगाना। देश की धरती ‘सफेद सोना’ उगल रही है। जम्मू और कश्मीर के बाद राजस्थान में भारी मात्रा में लीथियम का भंडार मिला है। इसके साथ ही अब भारत को चीन, चिली जैसे कई देशों पर लीथियम के लिए निर्भर नहीं रहना होगा। साथ ही लीथियम के लगातार बढ़ते वैश्विक बाजार के बीच इसे भारत के लिए खुशखबरी कहा जा सकता है। फिलहाल, लीथियम डिपॉजिट्स के मामले में बोलीविया देश शीर्ष स्थान पर है। एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के डेगाना में मिलेे इस लीथियम रिजर्व को लेकर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का दावा है कि यह जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार से भी ज्यादा बड़ा है। रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि डेगाना में मिला भंडार भारत की 80 फीसदी लीथियम की मांग को पूरा कर सकता है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि राजस्थान में मिला भंडार लीथियम को लेकर चीन पर देश की निर्भरता खत्म कर देगा। इसके अलावा यह खोज राजस्थान के लिए भी काफी फायदेमंद है।
बताया जा रहा है कि डेगाना में जिस जगह लिथियम मिला है, वहां 1914 में अंग्रेजों ने टंगस्टन मिनरल की खोज की थी। यही टंगस्टन प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजी सेना के लिए हथियार बनाने और बाद में सर्जरी के उपकरण बनाने के काम आया। साल 1992-93 में चीन की नीति के चलते डेगाना के इस क्षेत्र से टंगस्टन निकालना काफी महंगा हो गया। नतीजा हुआ कि यहां इस मिनरल का उत्पादन बंद हो गया। लेकिन अब लीथियम की मौजूदगी इस इलाके को फिर गुलजार करने के लिए तैयार है।