आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन
19 जनवरी।नालागढ़ अस्पताल की दशा सुधारने के लिए अब महिलाओं ने कमर कस ली है और नालागढ़ महिला स्वास्थ्य संघर्ष वाहिनी का गठन किया गया जो अस्पताल में सुविधाओं की बहाली और डॉक्टरों में खाली पदों को भरवाने के लिए संघर्ष करेगी।अंजना शर्मा के आह्वान पर नालागढ़ में महिला शक्ति की एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमे नालागढ़ नगर के अतिरिक्त आसपास की प्रबुद्ध महिलाओं ने भी भाग लिया। इस बैठक में उपमंडल के सबसे पुराने अस्पताल की बदहाली पर चर्चा की गई।
बैठक में सभी का मानना था कि लंबे समय से सरकार द्वारा इस अस्पताल की उपेक्षा की जा रही है। विगत 6- 7-सालों में इस अस्पताल की दशा सुधारने की मांग को लेकर अनेक संगठनों द्वारा आन्दोलन किए गए,यहां तक कि अनशन भी किए गए,लेकिन आश्वासनों के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला।आज भी हालत यह है कि लंबे समय से यहां न तो कोई नेत्र विशेषज्ञ है, और न ही कोई सर्जन है।
रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली चल रहा है, जिसके कारण अल्ट्रासाउंड के लिए मारे मारे फिरना पड़ता है। परिवार में अगर पति बीमार हो, बच्चा बीमार हो या महिला स्वयं बीमार हो, सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना महिलाओं को ही करना पड़ता है। इसलिये बैठक में आम सहमति बनी कि अब इस अस्पताल में सुविधाओं की बहाली के लिए लड़ाई महिलाओं को ही लड़नी पड़ेगी। इसके लिए “नालागढ़ महिला स्वास्थ्य संघर्ष वाहिनी” बनाने का निर्णय लिया गया तथा इसी संगठन के माध्यम से आगे कार्रवाई करने का फैसला किया गया।
सर्वसम्मति से सुषमा शर्मा को “नालागढ़ महिला स्वास्थ्य संघर्ष वाहिनी” की संयोजिका और रेणु को सह संयोजिका चुना गया। अंजना शर्मा को संरक्षक चुना गया।बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि शीघ्र ही एक ज्ञापन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेज कर नालागढ़ अस्पताल में डॉक्टरों के खाली पदों को तुरंत भरने और 100 बेड के हिसाब से डॉक्टरों के पद स्वीकृत करके नए डॉक्टरों की नियुक्ति करने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा। अगर तय समय सीमा के भीतर सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती तो संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
बैठक में अंजना शर्मा न्यू नालागढ़, इंदु वैद्य चुहुवाल, सुषमा शर्मा पंजेहरा, सुमति सिंघल वार्ड एक रीता ठाकुर चुहुवाल, रेणु चुहुवाल, ज्योति वाला चुहुवाल, गीता चुहुवाल और सपना शामिल थी।