आवाज़ ए हिमाचल
5 जनवरी। देश के अनुसूचित जाति के पांच करोड़ से भी अधिक छात्रों को आने वाले पांच सालों में मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल की ओर से 59048 करोड़ रुपए के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 35534 करोड़ रुपए (साठ प्रतिशत) खर्च करेगी, जबकि शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जानी है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नितिन कुमार ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की नीतियों को केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह से लागू कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार का यह प्रयास रहा कि बाबा साहेब अंबेडकर विश्व स्तरीय नेता बनकर न उभरे। जवाहर लाल नेहरू भीमराव अंबेडकर के खिलाफ रहे।
यही कारण है कि बाबा साहेब को भारत रत्तन देने के लिए देश में गैर कांग्रेसी सरकार के आने का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ग के निरक्षर माता-पिता के बेटे-बेटियों को यह छात्रवृत्ति प्राथमिकता के आधार पर मिलेगी। गरीब परिवारों के 10वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नामित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत छात्रों को वित्तीय सहायता का आहरण डीबीटी मोड के माध्यम से और अधिमान्य आधार सबल भुगतान प्रणाली को प्रयोग में लाकर किया जाएगा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्रों के बैंक खातों में डीबीटी मोड के माध्यम से यह राशि जारी होगी, जिससे छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले किसी भी घोटाले से बचा जा सकेगा। इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राज्य उपाध्यक्ष एवं मंडी संसदीय क्षेत्र प्रभारी विधायक इंद्र सिंह गांधी, जिला भाजपा अध्यक्ष रणवीर सिंह ठाकुर, सुंदरनगर जिला के अध्यक्ष गोविंद और मंडी जिला के महामंत्री मोहन लाल कौंडल मौजूद रहे।