आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा बिलासपुर
16 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ पिछले चार वर्षों से लंबित अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करने की मांग को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 27 नवंबर को आयोजित जेसीसी की बैठक में पूरा करने की घोषणा की जा चुकी है परंतु एक निश्चित समय से बंधी इस मांग को पूरा होने के लिए कार्मिक विभाग द्वारा जारी की जाने वाली अधिसूचना शीघ्र अति शीघ्र न होने के चलते प्रदेश के वर्तमान में लगभग 6 हजार अनुबंध कर्मचारी चिंतित, व निराश हो रहें हैं। लिहाजा सरकार इस अधिसूचना को अविलंब जारी करे। प्रैस को जारी बयान में महासंघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार नड्डा ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपनी वचनबद्धता निभाते हुए, अनुबंध कार्यकाल घटाकर 3 वर्ष से 2 वर्ष करने की घोषणा कर दी है,
तथा मुख्यमंत्री ने अनुबंध कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह घोषणा की है कि जिन कर्मचारियों का 2 वर्ष का अनुबंध कार्यकाल 30 सितंबर 2021 को पूरा होता है, उन सभी अनुबंध कर्मचारियों को 1 अक्टूबर 2021से सभी लाभ देते हुए नियमित किया जाएगा। परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार का कार्मिक विभाग जेसीसी में लिए गए निर्णयों को, कैबिनेट मीटिंग के एजेंडा में डालने और शीघ्र अति शीघ्र कैबिनेट से अनुबंध कार्यकाल घटाने की स्वीकृति लेने में देरी कर रहा है। हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट बैठक में अनुबंध कार्यकाल घटाने की स्वीकृति में देरी के चलते, अनुबंध कार्यकाल घटाने की अधिसूचना जारी करने में कार्मिक विभाग देरी कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के राज्य कार्यकारिणी प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार नड्डा के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल, कार्यकारी महासचिव सुनील कुमार शर्मा, वित्त सचिव अविनाश कुमार सैनी, मीडिया सचिव राकेश ठाकुर एवं सोशिल मीडिया प्रभारी रिपन कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा कार्मिक विभाग से यह अपील की है कि 20 दिसंबर 2021 को आयोजित होने वाली कैबिनेट की बैठक में अनुबंध कार्यकाल को 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करने की घोषणा को मूर्त रूप दिया जाए तथा इस निर्णय की कैबिनेट की स्वीकृति के उपरांत शीघ्र अति शीघ्र अधिसूचना जारी करवाई जाए तथा वित्तीय और वरिष्ठता लाभ 30 सितंबर 2021 को 2 वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को 1 अक्टूबर 2021 से ही दिए जाए।
उन्होंने कहा कि कार्मिक विभाग शीघ्र अति शीघ्र अनुबंध कार्यकाल घटाने की अधिसूचना नहीं करता है तथा इसमें लेट.लतीफी करता है तो इसका लाभ प्रदेश में किसी भी अनुबंध कर्मचारी को नहीं मिलेगा क्योंकि मार्च 2022 में अधिकतर अनुबंध कर्मचारियों का 3 वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा हो रहा है। कार्मिक विभाग यदि शीघ्र अति शीघ्र मुख्यमंत्री की घोषणा को मूर्त रूप देते हुए अनुबंध कार्यकाल घटाने की अधिसूचना जारी करता है, तो ही अनुबंध कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। यदि यह अधिसूचना दिसंबर 2021 के बाद निकलती है, तो अनुबंध कर्मचारियों में सरकार के प्रति नकारात्मकता पैदा हो सकती है।