आवाज़-ए-हिमाचल
7 नवम्बर : जल शक्ति, बागवानी, राजस्व एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर शनिवार को अचानक शाहपुर विश्राम गृह में पहुंच गए।इस दौरान वे काफी देर तक शाहपुर में रहे तथा जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से विकासात्मक व विभिन्न योजनाओं बारे फीड बैक ली तथा उचित दिशा निर्देश दिए।
मोहिंद्र सिंह रविवार को चंबा ज़िला में प्रस्तावित जनमंच कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रहे थे इस दौरान वे कुछ समय के लिए शाहपुर विश्राम गृह में रुके।मोहिंद्र सिंह के साथ भटियात के विधायक बिक्रम जरियाल,ज्वाली के विधायक अर्जुन ठाकुर सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।मोहिंद्र सिंह ने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने विभागों से सबंधित कई योजनाओं बारे जानकारी दी।उन्होंने कहा कि हिमाचल में हमेशा सेब को तरजीह दी गई है,जबकि निचले हिमाचल कांगड़ा,हमीरपुर,बिलासपुर,ऊना के बागवानों की तरफ कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया।
अब जब कि प्रदेश में जयराम सरकार है तो निचले हिमाचल की बागबानी को मजबूत करने व किसानों तथा बागबानों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश में शिवा प्रोजेक्ट शुरू किया है। शिवा प्रोजेक्ट प्रदेश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। जिस पर प्रथम चरण में 1688 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिये 17 क्लस्टरों का चयन किया गया था और उन सभी क्लस्टरों में विभाग द्वारा पौधरोपण कर दिया गया है। अब मुख्य प्रोजेक्ट की तरफ बढ़ा जा रहा है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों में 70 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इसमें किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक क्लस्टर में किसानों की सामूहिक रूप से 250 कनाल भूमि चयनित की जाएगी तथा इस जमीन पर संतरा,अमरूद,अनार सहित अन्य पौधे सरकार निःशुल्क रोपेगी।इसके अलाबा सिंचाई व फेंसिंग का प्रावधान भी सरकार ही करेगी।
अहम यह है कि अमरूद का एक पौधा साल में दो फसलें देगा।सरकार इस योजना के तहत कोलेक्शन सेंटर, कोल्ड स्टोर की व्यवस्था भी करेगी।सरकार साल 2022 तक प्रदेश के किसानों-बागवानों की आय दोगुना करना चाहती है। प्रदेश सरकार ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की वित्तीय मदद से यह प्रोजेक्ट शुरू किया है।
शिवा प्रोजेक्ट के तहत एडीबी की वित्तीय मदद से कांगड़ा, मंडी, ऊना, हमीरपुर बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिले का 4000 हेक्टयर क्षेत्र शामिल किया गया है। इन जिलों में अब पौधरोपण किया जाएगा और किसानों-बागवानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराकर फसलों का उत्पादन बढ़ाकर उनकी आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।