केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में किया बदलाव

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आवाज ए हिमाचल

29 मार्च। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में बड़ा बदलाव किया है। एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र से छात्रवृत्ति के यह नए नियम लागू हो जाएंगे। केंद्र से आए दिशा निर्देशों के बाद निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से दो रोज पूर्व सभी जिलों के उपनिदेशकों को इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है। नए नियमों के तहत छात्रवृत्ति के लिए शिक्षण संस्थानों पर नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) और नेशनल असिस्टमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) से एक्रीडिटेशन की शर्त लगाई गई है।

ग्रेडिंग के लिए शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2024 तक का समय दिया गया है। छात्रवृत्ति के लिए केंद्र ने पूरी प्रक्रिया ही बदल दी है। छात्रवृत्ति के लिए आवेदन से लेकर राशि जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटाइज्ड होगी। यानि आवेदन ऑनलाइन होंगे और पैसा भी छात्रों के बैंक अकाउंट में ही आएगा। शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि छात्रवृति के आवेदन के दौरान बैंक खातों की वेरिफिकेशन करवा लें।यह सुनिश्चित करवाएं कि छात्र का बैंक खाता आधार से लिंक है। छात्रवृत्ति राशि का 60 फीसदी ही देगी, शेष 40 फीसदी राशि राज्यों को स्वयं देनी होगी। जनवरी 2021 से मार्च 2026 तक के लिए यह नए नियम बनाए गए हैं। संस्थानों को छात्रवृति के लिए हाजरी भी बायोमीट्रिक प्रणाली से लगवानी होगी। हर साल छात्रवृति का ऑडिट भी करवाया जाएगा।

शिकायत के लिए ऑनलाइन मैकेनिज्म होगा तैयार

छात्रवृत्ति के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जाएगा। इसकी डेट विभाग तय करेगा। तय डेट के बाद पोर्टल बंद हो जाएगा। ऐसे में प्रदेश से अपलोड होने वाला डाटा तत्काल केंद्र के अधिकारियों को दिखेगा। यदि किसी छात्र की कोई शिकायत है तो वह भी ऑनलाइन ही होगी। केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि छात्रवृति की शिकायत के लिए ऑनलाइन मैकेनिज्म तैयार करे ताकि छात्रों की शिकायत और उसके निवारण का पूरा डाटा ऑनलाइन रहे और इसमें पारदर्शिता आए।

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