हिमाचल में चुनाव के बाद रफ्तार पकड़ेगा टीकाकरण अभियान, एक भी डोज न हो बर्बाद इसके लिए पूरी योजना

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आवाज ए हिमाचल 

20 जनवरी। स्वास्थ्य कर्मियों सहित कोरोना योद्धाओं को वैक्सीन लगाने के तीन दिन हो चुके हैं। देखा गया है कि अभी तक दैनिक लक्ष्य से कम ही लोग टीका लगवाने आ रहे हैं। पहले दिन प्रदेश में 2499 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा था, मगर 1536 को ही वैक्सीन दी गई। इसी तरह से सोमवार को दूसरे दिन 5061 में से 3299 लोग ही वैक्सीन लगवाने पहुंचे। 16 जनवरी को पहले दिन जानकारी मिली थी कि वैक्सीन लगाने के लिए चिह्नित किए लोगों को मोबाइल फोन पर संदेश समय पर नहीं पहुंचा। कई लोगों को सुबह आठ से 10 बजे के बीच में वैक्सीनेशन का संदेश प्राप्त हुआ था। स्वास्थ्य विभाग का मत है कि पंचायत चुनाव की वजह से वैक्सीन देने का आंकड़ा पिछड़ रहा है। यदि चुनाव के बाद भी इसी तरह की स्थिति रहती है तो इस पर मंथन किया जाएगा।

पहले चरण में प्रदेश को 93 हजार डोज प्राप्त हुई थी। दूसरे चरण में मंगलवार को 87 हजार 500 डोज मिली है। रोजाना सुबह सभी सीएमओ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होती है। अभी तक कहीं से भी वैक्सीन के बर्बाद होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। पहले आई 93 हजार डोज को सभी जिलों को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वैक्सीन वाइल्स (टीका शीशी) जारी की है। जिला शिमला की मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 7200 वाइल्स दी गई हैं। अभी तक राज्य के किसी भी हिस्से वैक्सीन बर्बाद होने की सूचना नहीं है। वैसे वैक्सीन का दस फीसद हिस्सा अलग से रख दिया जाता है, जिसे वेस्टेज माना जाता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डा. सुरेखा चोपड़ा का कहना है यदि वैक्सीन लगाने के लिए कम लोग आएं तो अगले दिन बुलाए जाने वालों की विशेष अनुमति ली जाती है। एक वाइल्स के दस डोज लगाने के लिए संख्या पूरी की जाती है। पहले दिन दूसरे सत्र में 34 लोग आए थे। ऐसे में छह डोज बर्बाद हो सकती थी। हमने प्रक्रिया पूरी कर छह और लोग बुलाकर चार वाइल्स से 40 टीके लगाए। हमने शिमला में एक भी डोज बर्बाद नहीं होने दी है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में नियुक्त डा. गोपाल बेरी का कहना है किसी भी जिले में वैक्सीन की बर्बादी होने का कोई जिक्र नहीं आया है। वैसे भी हमारा उद्देश्य लक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाना है। आइजीएमसी सहित कई स्थानों पर एक वैक्सीन वाइल्स में नौ से लेकर 11 डोज निकलने की जानकारी मिली है। जिलास्तर पर सीएमओ अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्था कर रहे हैं ताकि वैक्सीन बर्बाद न हो। वैसे दस फीसद व  क्सीन अलग से रखी गई है, जो कई मानवीय कारणों से बर्बाद हो सकती है। पंचायत चुनाव के बाद भी टीका लगवाने के लिए लोगों की संख्या कम रहती है तो गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा।

हिमाचल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डा. निपुण जिंदल का कहना है प्रदेश में अभी तक कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज खराब नहीं हुई है। इसका खास ख्याल रखा जा रहा है कि वाइल्स का सही इस्तेमाल हो। तीन से चार साल पहले इम्युनाइजेशन अभियान में भी हिमाचल का बेहतर प्रदर्शन रहा था। तब प्रदेश को इसके लिए केंद्र सरकार से शाबाशी मिली थी।

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