हिमाचल में अब नई तकनीक से की जाएगी फलों और सब्जियों की पैकिंग

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आवाज़ ए हिमाचल 

13 जून । पुरानी पैकिंग टेक्नोलॉजी बदलने के बाद अब फल और सब्जियों की बर्बादी रुकेगी। इससे किसानों और बागवानों की आमदनी भी बढ़ेगी। आईआईटी मंडी आधुनिक पैकिंग टेक्नोलॉजी देगा। अभी तक प्रदेश में फलों और सब्जियों के विपणन के समय करीब तीस फीसदी फसलें बर्बाद होती हैं। नई तकनीक से किसान और बागवान इस आर्थिक नुकसान से बच सकेंगे। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने आईआईटी मंडी को फलों और सब्जियों की पैकिंग के लिए नई तकनीक विकसित करने को 18.50 लाख रुपये का प्रोजेक्ट सौंपा है।

आईआईटी के छात्र इस साल फलों के विपणन के समय पेश आने वाली समस्याओं का अध्ययन करेंगे। वर्तमान में फलों और सब्जियों की पैकिंग क्षमता से होने वाले नुकसान का सही आकलन भी किया जाना है। प्रदेश से बाहर ऑफ सीजन में सब्जियों को चालीस किलो की बोरियों में भरकर किसान बेचते रहे हैं। अब किसान सेब कार्टन में भी फूल गोभी भर कर मंडियों में पहुंचा रहे हैं। किसानों को पैकिंग की आधुनिक तकनीक मिलने से नुकसान कम होगा और दाम अच्छे मिलेंगे।

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