हिमाचल के लाल जय चौधरी ने भारत के टॉप टेन अरबपतियों में बनाई जगह

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आवाज़ ए हिमाचल

03 मार्च।किसान के बेटे जय चौधरी ने कड़ी मेहनत के दम पर भारत के टॉप टेन अरबपतियों में जगह बनाई है। सरकारी स्कूल से पढ़कर उच्च शिक्षा हासिल करने अमेरिका गए जय चौधरी आज दुनिया के अरबपतियों की सूची में 577वें स्थान पर हैं। हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट 2021 में यह रैकिंग सामने आई है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के पनोह गांव से संबंध रखने वाले जय चौधरी अमेरिका में जी स्केलर कंपनी के सीईओ हैं। जय चौधरी का असली नाम जगतार सिंह चौधरी है। जय चौधरी के पिता भगत सिंह पनोह गांव के प्रधान रह चुके हैं। हल चलाकर अपने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने वाले भगत सिंह अपनी धर्मपत्नी के साथ इन दिनों अमेरिका में ही रहते हैं। सरकारी स्कूल से पढ़कर अमेरिका में हुनर के दम पर मुकाम हासिल करने वाले जय चौधरी की उपलब्धि पर जिले में खुशी की लहर है।सबसे बड़े भाई दलजीत सिंह के मार्गदर्शन में ही जय चौधरी शिक्षा ग्रहण कर अमेरिका तक पहुंचे और अमेरिका में एमटेक की पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब कर खर्चा पूरा किया। अमर उजाला से बातचीत करते हुए सेवानिवृत्त प्रिंसीपल दलजीत सिंह ने बताया कि जय चौधरी के संघर्ष की बदौलत ही उन्हें यह मुकाम मिल पाया है। उन्होंने बताया कि जय चौधरी की प्रारंभिक शिक्षा पनोह से ही हुई है। इसके बाद कई किलोमीटर रोजाना पैदल सफर तय कर धुसाड़ा में आगामी शिक्षा ली। आठवीं कक्षा में प्रदेशभर में तीसरे स्थान पर रहे।जबकि दसवीं में प्रदेशभर में दूसरा स्थान हासिल किया। ऊना कॉलेज से शिक्षा ग्रहण कर यहां भी टॉप किया। इसी की बदौलत वाराणसी आईआईटी में उन्हें बीटेक की सीट मिली। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद 80 के दशक में एमटेक के लिए अमेरिका गए।बस यहीं से जगतार सिंह चौधरी जय चौधरी बन गए। अमेरिका में पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब करते हुए काम चलाया। आधे समय में ही अपना कोर्स भी पूरा कर लिया और एडजस्टमेंट भी हो गई। इसके बाद जगतार ने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा। 2008 में जय चौधरी ने अमेरिका में साइबर सिक्योरिटी प्रदान करने वाली कंपनी जी स्केलर बनाई जोकि 2018 में पब्लिक हुई।पब्लिक होने के बाद कंपनी ने खूब प्रगति की। दलजीत सिंह ने बताया कि आज भी जय चौधरी मक्की की रोटी व सरसों के साग को बेहद मिस करते हैं। फोन पर जब भी बात होती है तो गांव की खैरियत हमेशा लेते हैं। कहा कि गरीबी के दौरे से ऊपर उठकर यह मुकाम हासिल करना बेहद मुश्किल रहता है, लेकिन जय चौधरी ने अपने हुनर के दम पर यह कर दिखाया है।वह जय चौधरी के बड़े भाई होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि ऊना जिले में शिक्षण संस्थानों में जय चौधरी ने काफी कार्य करवाया है। जय चौधरी की भाभी सेवानिवृत प्रधानाचार्य निर्मल कौर ने बताया कि आज भी जय चौधरी उनसे मिलने के लिए पहुंचते हैं।पूर्व की तरह ही भारतीय संस्कृति के तहत आदर देते हैं। उन्होंने बताया कि जय चौधरी के चंडीगढ़ आने पर वह विशेष तौर पर मक्की की रोटी व साग लेकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि माता-पिता की देखभाल के लिए जय चौधरी की पत्नी प्रभजौत ने कंपनी छोड़ी है और उनकी देखरेख में ही लगी हुई हैं।

 

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