वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा की संदेहास्पद मृत्यु की हो जांच:सीएम से ​मिला बार संघ का प्रतिनिधि मंडल

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आवाज़ ए हिमाचल

सन्नी मैहरा,ब्यूरो हमीरपुर
30 अक्टूबर।बिलासपुर के प्रसिद्ध अधिवक्ता राजेंद्र हांडा की गत दिनों शिमला आईजीएमसी में संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई मृत्यु तथा कोविड-19 के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में चल रहे कथित गड़बडझाले को लेकर पिछले दिन शिमला सचिवालय में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन रमाकांत की अध्यक्षता में जिला बार संघ के पदाधिकारियों का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंप कर उच्च स्तरीय जांच करवाने का आग्रह किया।

आज यहाँ जिला बार संघ के प्रधान चमन लाल ठाकुर ने कहा कि इस समय सारा विश्व और भारत देश कोविड-19 से लड़ रहा है । सरकार व समाज द्वारा चिकित्सकीय वर्ग को कोरोना वारियर के खिताब से भी नवाजा जा रहा है। लेकिन कुछ दिन पहले प्रदेश में कुछ ऐसी घटनाएं घटी है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं ।

उन्होने कहा वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र कुमार की मृत्यु से न केवल अधिवक्ताओं में बल्कि सारे जिला भर में भारी रोष व आक्रोश पैदा हुआ है । उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि दो अक्टूबर को राजेंद्र कुमार हांडा को जिला अस्पताल बिलासपुर से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला के लिए रेफर किया गया था जहां वे सुबह करीब 10 बजे पहुंच गए थे,लेकिन 2 बजे तक किसी भी एम्बुलेंस को उन्हें शिफ्ट करने के लिए नहीं भेजा गया

और जब काफी देर बाद जिस एंबुलेंस को भेजा भी गया था , उसमें ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी और वह बहुत पुरानी तथा खटारा हालत में थी । चमन ठाकुर ने कहा कि राजेन्द्र हांडा को कोविड-19 वार्ड में भर्ती कर दिया गया था जहां उनके बेटे विपुल हांडा जो एक अधिवक्ता है भी उनके साथ थे । परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मी उन्हें बाहर झूठी खबर देते रहे कि आपका मरीज बिल्कुल ठीक है ।

किन्तु विपुल हांडा को किसी अन्य ने 3 अक्टूबर शाम को लगभग साढ़े सात बजे बताया कि उनके पिताजी की कई घंटे पहले ही मृत्यु हो गई है जबकि उनका मोबाइल भी गायब था ।
मुख्यमंत्री को पूर्ण विवरण देते हुए बताया कि उनकी आंखों पर भी चोट के निशान थे । उन्हें पीने को पानी तक स्टाफ द्वारा उपलब्ध नहीं करवाया गया । किसी अन्य मरीज ने उन्हें पिलाया था। राजेंद्र हांडा को सरकार के द्वारा लोकतंत्र सेनानी घोषित किया गया था क्योंकि वह आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे थे । वह बिलासपुर की शान थे और समाज की एक सशक्त आवाज थे।

उन्होने मुख्यमंत्री को बताया कि इस स्वतन्त्रता प्रहरी और समाज सेवी की मौत अकारण इन परिस्थितियों में न होती यदि उनकी सही देख रख होती । जिला बार संघ ने राजेन्द्र हांडा की मौत की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। चमन ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिष्टमंडल को उच्चस्तरीय जांच करवा कर दोषियों को दंडित करवाने का आश्वासन दिया है ।शिष्ट मण्डल में बार काउंसल आफ हिमाचल प्रदेश के चेयरमैन रमांकान्त और जिला बार संघ के प्रधान चमन ठाकुर के अतिरिक्त प्रदेश वाईस चेयरमैन नरेंद्र ठाकुर , सदस्य आई एन मेहता और विपण पंडित , टी आर शर्मा , अश्विनी कुमार और विपुल हांडा भी उपस्थित थे।

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