भाजपा का राष्ट्रवाद ‘फर्जी,गिराया जा रहा है सेना का मनोबल:राम लाल ठाकुर

Spread the love
   आवाज़-ए-हिमाचल
    …………अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
7 नवम्बर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने केंद्र की सरकार से आग्रह किया कि सैन्य अधिकारियों के पेंशन में ‘कटौती’ संबंधी प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए, इससे सेना का मनोबल गिरेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार पर ‘फर्जी राष्ट्रवाद’ पर अमल करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सैन्य अधिकारियों की पेंशन में कटौती कर सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘शहीद सैनिकों की वीरता और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोरने वाली मोदी सरकार सैन्य अफसरों की पेंशन काटने और सक्रिय सेवा के बाद उनके दूसरे करियर विकल्प पर डाका डालने की तैयारी में है।
इस बारे में सरकार की तरफ से बाकायदा 29 अक्टूबर, 2020 के पत्र से प्रस्ताव मांगा गया था, कांग्रेस नेता ने सरकार पर सैन्य अधिकारियों की पेंशन चोरी करने का आरोप लगाया और दावा किया एक तरफ, सेना के लिए दीया जलाने की बात की जाती है और दूसरी तरफ साहसी और बहादुर सैन्य अफसरों की पेंशन काट कर उनके जीवन में अंधेरा फैलाने का दुस्साहस हो रहा। यही भाजपा का फर्जी राष्ट्रवाद है।
राम लाल ठाकुर के मुताबिक सेना में भर्ती के समय इंडियन मिलिट्री एकेडमी में हर अधिकारी से 20 साल का अनिवार्य सर्विस बॉन्ड भरवाया जाता है। 20 साल की सेवा के बाद सैन्य अफसर मूल तनख्वाह की 50 प्रतिशत राशि की पेंशन पाने का हकदार है। परंतु मोदी सरकार का ताजा सेना विरोधी प्रस्ताव उस 50 प्रतिशत पेंशन को भी आधी कर देने का है। जो कि बर्दास्त नहीं होगा।
उन्होंने कहा यदि उदाहरण के तौर पर यदि 20 साल की सेवा उपरांत किसी सैन्य अधिकारी को आखिरी मूल तनख्वाह 1,00,000 रुपये प्रति माह थी तो पिछले 73 वर्षों से उसकी पेंशन 50,000 रु. प्रति माह मिलना सुनिश्चित है। पर मोदी सरकार का नया प्रस्ताव अब सैन्य अधिकारी की पेंशन 50,000 रु. प्रतिमाह से घटाकर 25,000 रुपये प्रतिमाह कर देगा। जो कि बहुत गलत होने जा रहा है। कांग्रेस के राज्य उपाध्यक्ष ने यह दावा भी किया सरकार के नए प्रस्ताव के मुताबिक  केवल उस सैन्य अफसर को पूरी पेंशन मिलेगी, जिसने 35 साल से अधिक सेना की सेवा में बिताए हों।
परंतु सेना के 90 प्रतिशत अफसर तो 35 साल की सेवा से पहले ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं। ऐसे में मोदी सरकार 90 प्रतिशत सेना के अफसरों को पूरी पेंशन से वंचित करने का षडयंत्र कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया सरकार के सेना का मनोबल तोड़ने वाले इस प्रस्ताव से देश और हिमाचल प्रदेश के युवाओं का सेना में भर्ती होने के प्रति आकर्षण घटेगा तथा आखिर में देश का नुकसान होगा। राम लाल ठाकुर ने कहा क्योंकि अभी देश मे बाहरी ताकतों से सावधान रहने की आवश्यकता है और हम हिमाचल प्रदेश के बाशिंदे खास कर बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा जिला से सबसे ज्यादा लोग सेना में है और अगर इस तरह का प्रस्ताव केंद्र की सरकार अगर पास करती है तो इससे बड़ी शर्मिंदगी और कुछ हो नहीं सकती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *