आवाज ए हिमाचल
24 मई। शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में सरकारी व निजी स्कूल खोलने के मानक तय करने के लिए राज्य स्कूल स्टेंडर्ड अथॉरिटी का गठन होगा। बुधवार को शिक्षा मंत्रालय के साथ वर्चुअली आयोजित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में मंजूरी मिल गई है। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा और समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक इस बैठक में मौजूद थे। नई शिक्षा नीति में केंद्र ने इसका प्रविधान किया है।स्कूल खुलने के क्या नियम होने चाहिएं, प्रदेश में जो स्कूल खुले हैं वह नियमों को पूरा करते हैं या नहीं, फीस स्ट्रक्चर क्या है, स्कूल का परिसर कितना होना चाहिए, शिक्षक नियुक्ति के लिए नियमों का क्या प्रविधान है, यह सारी चीजें अथॉरिटी तय करेगी।
स्कूल शिक्षा बोर्ड और शिक्षा निदेशालय की तरह अथॉरिटी का अलग कार्यालय होगा व पूरा स्टाफ वहां तैनात किया जाएगा।हिमाचल में नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक सत्र 2021-22 में ही इसे गठित कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में केंद्र ने हिमाचल से नई शिक्षा नीति पर इस साल से क्या कार्य किए जा रहे हैं, इसका भी फीडबैक लिया। हिमाचल ने केंद्र को बताया कि नई नीति को प्रारंभिक स्तर से लागू किया जा रहा है। प्री प्राइमरी स्कूलों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है ताकि हर तीन साल की उम्र का बच्चा प्री प्राइमरी में पंजीकृत हो सके।प्रदेश सरकार स्कूल कांप्लेक्स पैटर्न को भी लागू करेगी।
कलस्टर विश्वविद्यालय की तर्ज पर ये स्कूल कांप्लेक्स बनेंगे। पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी प्राइमरी, माध्यमिक, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं इसके अधीन आएंगी। इन स्कूलों में स्टाफ कम है तो प्रधानाचार्य वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए दूसरे स्कूल के शिक्षक की तीन-तीन दिन के लिए ड्यूटी लगा सकेगा। किसी स्कूल के पास खेल मैदान या हाल नहीं है तो दूसरे स्कूल में इसकी व्यवस्था करवाई जा सकती है।