आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा,नुरपुर
14 अक्तूबर। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए नूरपुर सिविल अस्पताल में तैनात एमएस सुशील शर्मा ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए लोगो को जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्षा के मौसम में यह रोग अधिक होता हैं। डेंगू रोग के बचाव व रोकथाम के लिए पूर्व में ही सर्तक होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि डेंगू अधिकतर बरसात के महीनों जुलाई, अगस्त व सितम्बर में होने वाला रोग है, लेकिन इस बार अक्तूबर माह में भी डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं।
डॉ सुशील ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को तेज ठंड और बुखार हो, चेहरा लाल, सिर, मांसपेशी तथा जोड़ों में दर्द, आंखो को हिलाने डुलाने में दर्द, चेहरे, गले तथा छाती पर लाल चकत्ते, मितली व उल्टी होना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण दिखने पर शीघ्र डाक्टर से सम्पर्क करें। उन्होंने बताया कि 5 से 7 दिन में सामान्य उपचार से रोगी ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू रोग से बचाव व रोकथाम के लिए पानी की टंकियों पर ढ़क्कन फिट करके लगाएं।
घर के आस-पास पानी 2 या 3 दिन से ज्यादा जमा न होने दें। कूलरों में मिट्टी के तेल का छिड़काव करें तथा घड़ों तथा बाल्टियों में जमा पानी को बदलते रहें। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं। इस मौसम में घरो की खिड़कियां बन्द रखें तथा कूड़े के डिब्बे में कूड़ा जमा न होने दें। खुले में पडे पुराने बर्तनों, टायरों, टयूबों आदि में पानी न भरनें दें उनको सही जगह रखें। कीटनाशी से उपचारित मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें, दरवाजे व खिड़की पर जाली का प्रयोग करें।