डेडिकेटेड कोविड केंद्रों की हालत दयनीय:राम लाल ठाकुर

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आवाज ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर

29 मई।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पूर्व स्वास्थ मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने कह की प्रदेश के डेडिकेटेड कोविड सेंटरो की हालत दयनीय है, उन्होंने कहा है कि सरकार कोरोना वारियर्स को लेकर बड़े- बड़े दावे कर रही है, पिछले कल की नोटिफिकेशन में प्रदेश सरकार ने 22 सरकारी विभागों के कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स की संज्ञा भी दी है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अगर जिला बिलासपुर अस्पताल के डेडिकेटेड कोविड सेंटर की बात की जाए तो वहां पर जो खाना परोसा जा रहा है उसको देख कर लगता है कि यह खाना पशुओँ को भी नही दिया जा सकता है। अभी दो दिन पहले बिलासपुर के बागी बिनोला डेडिकेटेड कोविड सेंटर को जवाहर नवोदय विद्यालय विद्यालय चंगर प्लासियां में बदला गया। वहाँ की व्यवस्था कुछ इस तरह की है कि वहां पर रह रहे चिकित्सक और अन्य सहायक स्टाफ को जिन टॉयलेटस और कमरों की रहने की व्यवस्था की गई है वैसे कमरों में तो गाड़ियों को खड़े करने वाले गैराज भी नही होते। यहां पर साफ पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि जो तस्वीरे डेडिकेटेड कोविड सेंटरो से खाने की और चिकित्सकों और सहायक स्टाफ के कमरों की आ रही है वह उनको मीडिया के साथ साझा कर रहें है। जवाहर नवोदय स्कूल जो डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाया गया है उसमें स्टाफ के लिए पंखे और साफ शौचलय तक कि व्यवस्था नहीं है। यह तो हालात है विलासपुर में स्थापित डेडिकेटेड कोविड सेंटरो की तो प्रदेश के अन्य जिला के डेडिकेटेड कोविड सेंटरो के क्या हालत होंगे इस बात से ही अंदाज़ लगाया जा सकता है। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व अन्य मंत्रीगण रोजाना कोविड सेंटरो में रह रहे मरीजो व कोरोना वारियर्स से बात करने करने का दावा कर रहे है तो डेडिकेटेड कोविड सेंटरो की ऐसी व्यवस्था के बारे में क्यों अनभिज्ञ है। कोविड 19 के मरीजों के लिए बहुत ज्यादा सामाजिक संस्थाएं काम कर रही और बहुत से दानी सज्जन सहायता हेतू अपनी भूमिका भी निभा रहे है लेकिन क्या कारण है कि जो उनके द्वारा दिया जा रहा अनुदान उन कोविड सेंटरो तक पहुंच ही नहीं पा रहा है। साढ़े तीन वर्ष प्रदेश में सरकार बनी को हो गए जिसने से डेढ़ वर्ष तो कोरोना काल का हो गया लेकिन अभी प्रदेश की सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने में लगी है ना कि मरीजो और कोरोना वारियर्स की सहायता के लिए। सबसे आश्चर्य चकित करने वाली बात तो यह हुई कि डेडिकेटेड सेंटरो में अपनी ड्यूटी देने वाले सभी कर्मचारियों के लिए ड्यूटी समाप्त होने के बात करोनटीन समय ही खत्म कर दिया गया है। जिससे कोविड सेंटरों में रातदिन सेवाएं देने वाला स्टाफ निराश ही नहीं भयभीत भी है।

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