किसान आंदोलन को एक माह हुआ पूरा: कड़ाके की सर्दी में ‘गांधीगीरी’ पर टिके हैं किसान

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आवाज ए हिमाचल 

26 दिसम्बर। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक माह हो चुका है। दिन-रात किसान दिल्ली से सटी विभिन्न सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों के इस शांत आंदोलन की ‘ताकत’ भी लगातार बढ़ती जा रही है। सर्दी की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। मुख्य मार्गों पर अभी भी किसानों से भरीं ट्रैक्टर-ट्रालियां किसान आंदोलन संबंधी पंजाबी गीत तेज आवाज में लगाकर दिल्ली सीमाओं की ओर बढ़ रही हैं। किसान अपनी ‘गांधीगीरी’ से सरकार को झुकाना चाहते हैं, लेकिन किसानों की लगातार बढ़ती जा रही संख्या से केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है। सरकार को इस बात की आशंका है कि दिल्ली सीमाओं पर बढ़ती जा रही किसानों की संख्या भविष्य में कोई आफत न बन जाए।

गांवों में किसानों को बताया जा रहा, क्यों जरूरी है आंदोलन
हरियाणा में दिल्ली से सटी सीमाओं पर बैठे किसानों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब और हरियाणा के किसानों की है। इस संख्या को अब धीरे-धीरे और बढ़ाया जा रहा है, ताकि अपनी मांगें मनवाने के लिए किसान संगठन केंद्र पर दबाव बना सकें। इसके लिए हरियाणा और पंजाब के गांवों में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने अभियान को और तेज कर दिया गया है। अभियान के तहत किसान संगठनों की टोलियां गांव-दर-गांव जाकर किसान परिवारों को यह बता रही हैं कि आखिरकार कृषि कानूनों के खिलाफ यह आंदोलन क्यों जरूरी है, क्यों हर किसान परिवार में से एक शख्स का आंदोलन में भाग लेना जरूरी है। गांवों में अब भी बहुत से किसान परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक इस आंदोलन से किनारा किया हुआ है। ऐसे परिवारों की संख्या दोनों सूबों में से हरियाणा में ज्यादा है। इस वजह से किसान संगठनों के सदस्यों की टोलियां उन्हीं किसान परिवारों पर ज्यादा फोकस कर रही हैं, जो अभी आंदोलन से दूर हैं। राष्ट्रीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि गांवों में किसानों को जागरूक कर उन्हें आंदोलन के लिए एकजुट करने का काम अभी तक जारी है। गांवों में इस आंदोलन को ग्रामीणों का बहुत ज्यादा सहयोग मिल रहा है, लेकिन हम अपना आंदोलन पूरी तरह शांतिप्रिय ढंग से ही आगे बढ़ाएंगे।

आंदोलन के बीच 360 करोड़ का किसान ‘सम्मान’
आंदोलन के बीच हरियाणा के 18 लाख किसानों को 360 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी गई है। यह राशि उनके खाते में जमा करवा दी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुशासन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की सातवीं किस्त किसानों के खातों में जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। राज्य में अब तक इस योजना के तहत 2225.30 करोड़ रुपये किसानों के खातों में जमा कराए जा चुके हैं। इस कार्यक्रम के दौरान फतेहाबाद के किसान हरि सिंह ने प्रधानमंत्री से छोटी जोत पर अनुभव साझा किए। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए बागवानी पर जोर देने का आग्रह किया।

 

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