अब डॉक्टरों के परामर्श बिना कोविड-19 के लक्षण से ग्रसित लोगों को दवाई नहीं दे पाएंगे दवा विक्रेता

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आवाज ए हिमाचल

ब्यूरो,ऊना

01 दिसंबर।ऊना ज़िला में अब दवा विक्रेता डॉक्टरों के परामर्श बिना कोविड-19 के लक्षण से ग्रसित लोगों को दवाई नहीं दे पाएंगे।इसके अलाबा निजी अस्पतालों को भी ऐसे लोगों का ईलाज करने से पहले इनकी जानकारी सीएमओ व सबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी को देना अनिवार्य होगा।


जिला दण्डाधिकारी ऊना राघव शर्मा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 34 के तहत इस बारे आदेश जारी कर दिए हैं।आदेशों के मुताबिक कोविड-19 के लक्षण से ग्रसित कई मरीज स्वास्थ्य विभाग को समय पर सूचित कर अपना परीक्षण नहीं करा रहे हैं।ऐसे मरीज बिना टेस्ट अन्य चिकित्सकों, वैद्य,केमिस्ट आदि से अपना इलाज करवा रहे हैं तथा जब स्थिति गंभीर हो रही है,वे तभी स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर रहें हैं।

स्वास्थ्य विभाग को ऐसे रोगियों का इलाज करने में काफी कठिनाई हो रही है।यह लोग सामुदायिक संक्रमण फैलाने में भी सहायक बन रहे हैं।उन्होंने आदेश दिए हैं कि ऐसे सभी मरीज जो किसी निजी चिकित्सक के पास इलाज के लिए आते हैं और जिनमें कोविड-19 के लक्षण बुखार, खांसी,जुखाम,गले में दर्द, सांस में तकलीफ आदि दिखाई देते हैं,निजी अस्पतालों व निजी चिकित्सकों को इनकी सूचना तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ऊना या सबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी को देना कानूनन अनिवार्य होगा।आदेशों के अनुसार जिला के सभी दवा विक्रेताओं को भी कोविड-19 के लक्षणों वाले रोगियों को सबंधित दवाई चिकित्सक की परामर्श पर्ची के आधार पर ही देना अनिवार्य होगा।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ऊना, सबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज से यह जानकारी अनिवार्य रूप से लेने होगी कि क्या उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करने से पूर्व अपना इलाज किसी व्यक्ति से करवाया था अथवा नहीं और क्या उन्होंने चिकित्सक के परामर्श के बिना इलाज के लिए दवाई खरीदी थी अथवा नहीं।

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