आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक का नेटवर्क बहुत विस्तृत था। इस मामले में विधानसभा के अंदर लाई गई चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विजिलेंस ब्यूरो की स्टेटस रिपोर्ट का कुछ हिस्सा सामने रखा है। इससे पता चलता है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट, ड्राइंग मास्टर या ट्रैफिक इंस्पेक्टर के अलावा भी टीजीटी नॉन मेडिकल, जेई मैकेनिकल और सिविल के साथ लैंग्वेज टीचर और लाइनमैन जैसी 18 भर्तियों में भी पेपर लीक का अंदेशा है।कुल 18 पोस्ट कोड में से 10 भर्तियों का रिजल्ट डिक्लेअर हो चुका है और अभ्यर्थी नौकरी भी ज्वाइन कर चुके हैं। इसके बावजूद इनमें पेपर लीक की जांच चल रही है। आठ भर्तियों के मामले में रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है और जांच जारी है।
यह पूरा मामला जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 के पेपर लीक से खुला था और अब तक चार पोस्टकोड में पांच मामले दर्ज हो चुके हैं। कुछ और एफआईआर भी दर्ज होने का अनुमान है। विधानसभा में मुख्यमंत्री की ओर से रखे गए जवाब के अनुसार सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग पेपरलीक मामले में 26 दिसंबर को निलंबित किया था। पुलिस और विजिलेंस की जांच भी शुरू की गई।
इसके बाद 31 दिसंबर विभाग जांच भी शिक्षा सचिव अभिषेक जैन की अध्यक्षता में विभागीय कमेटी भी बनाई। 12 फरवरी, 2023 को विभागीय जांच की रिपोर्ट सबमिट हुई। 17 फरवरी को विजिलेंस की रिपोर्ट सबमिट हुई और 21 फरवरी को सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया।