आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। आरबीआई 500 रुपये के नोटों को वापस लेने या 1,000 रुपये के नोटों को फिर से पेश करने के बारे में नहीं सोच रहा है। आरबीआई गवर्नर जनता से ऐसी अटकलें न लगाने का अनुरोध किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बातें कही। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद लगभग 50% दो हजार के नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। कुल 3.62 लाख करोड़ के 2000 के नोट 31 मार्च 2023 तक चलन में थे उनमें से 1.80 लाख करोड़ के नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। आने वाले समय में 85% 2000 के नोट बैंकिंग सिस्टम में जमा के जरिए जबकि बाकी नोट एक्सचेंज के जरिए वापस आ जाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को अपने मुद्रा प्रबंधन के हिस्से के रूप में 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को वापस लेने की घोषणा की और 23 मई से ऐसे नोटों (एक बार में 20,000 रुपये तक) को बदलने की अनुमति दी। एक्सचेंज या डिपॉजिट 30 सितंबर 2023 तक किया जा सकेगा। आरबीआई गवर्नर ने लोगों से कहा है कि 2000 रुपये के नोटों को बदलने या जमा करने के लिए घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अंतिम समय में भीड़ से बचना चाहिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरबीआई 500 रुपये के नोटों को वापस लेने या 1000 रुपये के नोटों को फिर से पेश करने के बारे में नहीं सोच रहा है। उन्होंने जनता से इस पर अटकलें नहीं लगाने का अनुरोध किया। पिछले महीने आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि 2,000 रुपये के ज्यादातर नोट 30 सितंबर की समयसीमा तक बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जाने की उम्मीद है।