आवाज़ ए हिमाचल
हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में आयोग के पूर्व सचिव के चालक जय चंद ठाकुर की गिरफ्तारी पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अगर विजिलेंस को पेपर लीक मामले में चालक के विरुद्ध कोई साक्ष्य या सबूत मिलते हैं तो उसे गिरफ्तार करने से सात दिन पूर्व नोटिस देना होगा। इसके बाद ही उसे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है। इससे पूर्व प्रदेश उच्च न्यायालय ने उसे छह जनवरी तक अंतरिम जमानत प्रदान की थी, जो शुक्रवार को खत्म हो गई।
विजिलेंस की टीम सचिव के चालक को गिरफ्तार करने के लिए शुक्रवार को प्रदेश उच्च न्यायालय के बाहर डेरा डाले हुए थी। अब विजिलेंस का शक मजबूत हो गया है। विजिलेंस को शक है कि दलाल संजीव कुमार, शशिपाल, नितिन आजाद और निखिल आजाद के साथ पेपर लीक के इस गोरखधंधे में सचिव का चालक भी शामिल हो सकता है। वहीं शुक्रवार को हमीरपुर जिला न्यायालय ने महिला अभ्यर्थी तनु शर्मा को जमानत पर रिहा कर दिया। तनु शर्मा को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। जबकि मुख्य आरोपी उमा आजाद, उसके दोनों बेटे निखिल और नितिन आजाद, नौकर नीरज, दलाल संजीव और संजीव का भाई शशिपाल अभी तक न्यायिक हिरासत में ही हैं।
एसआईटी ने लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर से लंबी पूछताछ की। अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ चल रही है। वहीं एसआईटी ने पूर्व सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए सरकार को फाइल भेजी है। अनुमति मिलते ही उनका नाम भी एफआईआर में शामिल होगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से आईएएस अधिकारी अभिषेक जैन की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी ने भी आयोग में आगामी कार्रवाई को अंजाम देने में लगी हुई है।