आवाज ए हिमाचल
22 नवंबर। प्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने अपनी मानव संसाधन (एचआर) नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अब पदोन्नति को पूरी तरह परीक्षा आधारित कर दिया है।हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक ने अपनी मानव संसाधन (एचआर) नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अब पदोन्नति को पूरी तरह परीक्षा आधारित कर दिया है। बैंक प्रबंधन की इस नई व्यवस्था के तहत अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को उच्च पद पर पदोन्नति पाने के लिए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इस निर्णय को बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता, दक्षता और मेरिट आधारित पदोन्नति सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। नई नीति के अनुसार, बैंक अपने कर्मचारियों को वर्ष में दो बार पदोन्नति परीक्षा देने का अवसर प्रदान करेगा।इससे योग्य उम्मीदवारों को अधिक अवसर मिलेंगे और कर्मचारियों के लिए कॅरिअर विकास के बेहतर रास्ते खुलेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर बैंकिंग परीक्षाओं के आयोजन के लिए प्रतिष्ठित संस्था आईबीपीएस (बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान) को इन परीक्षाओं को संचालित करने का जिम्मा सौंपा गया है। आईबीपीएस की निष्पक्ष और व्यवस्थित चयन प्रक्रिया से प्रमोशन प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय बनाया गया है। नई नीति के लागू होने के बाद पहली पदोन्नति परीक्षा का आयोजन 23 नवंबर को किया जा रहा है। इसके लिए जिला बिलासपुर, सोलन, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।परीक्षा केंद्रों पर सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं और सुरक्षा व निगरानी के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, योग्यता आधारित पदोन्नति की आवश्यकता, कार्यकुशलता को बढ़ावा देने और आंतरिक पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए यह बदलाव करना जरूरी था। नई नीति से योग्य कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलेगा और भविष्य में बैंक की सेवाओं और संचालन में महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में वर्तमान में विभिन्न श्रेणियों के 2,000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं। परीक्षा आधारित पदोन्नति प्रणाली लागू होने से सभी कर्मचारियों को समान और पारदर्शी अवसर मिलेंगे। इससे न केवल कर्मचारियों की योग्यता का सही मूल्यांकन होगा, बल्कि बैंक की कार्यक्षमता और सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।