आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल सरकार ने पैराग्लाइडिंग को नियमों के दायरे में बांधने का काम शुरू कर दिया है। तकनीकी दक्ष कमेटी अब प्रदेश के तमाम पैराग्लाइडिंग साइट का अवलोकन करेगी और कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप आवश्यक बदलाव लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष तकनीकी दक्ष कमेटी बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह कमेटी सात सदस्यीय होगी और इसमें अलग-अलग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन से जुड़े सात लाइसेंस धारक तकनीकी दक्ष पायलट शामिल किए जा रहे हैं। यह कमेटी बीड़ बिलिंग समेत प्रदेश के तमाम उन स्थानों का निरीक्षण करेगी, जहां फिलहाल पैराग्लाइडिंग हो रही है। साथ ही इस बात की भी जांच करेगी कि पैराग्लाइडिंग कर रहे पायलट प्रशिक्षित हैं या नहीं।
गौरतलब है कि दिसंबर महीने में कुल्लू के डोभी इलाके में गत दिनों पैराग्लाइडिंग के दौरान एक पर्यटक की मौत हो गई थी। इस मामले में पायलट के खिलाफ लापरवाही से मौत के तहत मामला दर्ज किया था। हाई कोर्ट ने एडवेंचर स्पोट्र्स वाले स्थलों के निरीक्षण के लिए तकनीकी समिति बनाने का आदेश भी दिया है। अब सरकार इस प्रक्रिया को पूरा करने में जुट गई है। कमेटी जांच के पूरा होने के बाद रिपोर्ट को हाई कोर्ट के सुपुर्द करेगी और इसके साथ ही भविष्य में इस रिपोर्ट के आधार पर ही पैराग्लाइडिंग साइट को विकसित किया जाएगा और प्रशिक्षित पैराग्लाइडरों को ही उड़ान भरने की अनुमति मिलेगी। जिन एसोसिएशन या क्लब के पास पूरे उपकरण नहीं होंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई भविष्य में की जा सकती है।
सीएम को भेजी रिपोर्ट
सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि तकनीकी दक्ष कमेटी की जानकारी मुख्यमंत्री को भेज दी गई है। जल्द ही सात सदस्यीय कमेटी गठित हो जाएगी। यह कमेटी पैराग्लाइडिंग स्थलों पर जाकर जांच करेगी और इसकी रिपोर्ट सरकार को देंगी। कमेटी से मिलने वाले सुझाव के आधार पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा सरकार ऐप विकसित करने पर भी काम कर रही है। इससे लापता पायलटों को ढूंढऩे में मदद मिलेगी।