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नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने अंग्रेजी के शब्द F**k Off को सेक्शुअली कलर्ड कहा है। अदालत ने इस शब्द को इस्तेमाल करने वाले शख्स के खिलाफ चार्ज हटाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने सुनवाई के बाद शख्स की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने इस शब्द का अर्थ ‘दूर चले जाना’ बताया था।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 354ए (यौन टिप्पणी और यौन उत्पीड़न), 506 (शब्द, हावभाव से किसी महिला की मर्यादा का अपमान करने का इरादा) और 509 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराधों के लिए कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार है। कोर्ट ने शख्स के खिलाफ आरोपों को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट एक महिला अदालत के फैसले में एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
मई 2019 का है मामला
ये मामला मई 2019 का है। केस में दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, आरोपी तौसीफ-अल हसन नाम का शख्स अपने अन्य साथियों के साथ एक महिला के घर घुस गया। आरोपी ने महिला और उसके परिवार को धमकी दी। आरोपी ने महिला को ‘बाजारू’ औरत कहा और ‘F**k Off’ शब्द का इस्तेमाल किया। इसके बाद एक मजिस्ट्रेट अदालत ने आईपीसी की कई गंभीर मामलों में आरोपी पर केस दर्ज किया था। इसी के साथ धारा 509 (महिला का शील भंग) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एडिशनल सेशन जज संजय शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता का केवल शिकायतकर्ता को छोड़ने या जाने के लिए कहने का इरादा था। कोर्ट ने कहा, ‘याचिकाकर्ता ने पीड़िता को चुप रहने और एक कोने में बैठने के लिए कहा और उसने अन्य लोगों के साथ उसे और उसके परिवार को घर से बाहर निकालने की धमकी दी।’ अदालत ने कहा कि ये शब्द का अपमानजनक, आपत्तिजनक और नीचा दिखाने वाला है। कोर्ट ने कहा कि आरोप तय करने से पहले अदालत को रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री पर अपने न्यायिक दिमाग को लागू करना चाहिए। ये समझना चाहिए कि क्या आरोपी के द्वारा अपराध करना संभव था।
डिक्शनरी का हवाला देकर कहा ‘अपशब्द नहीं’
इस पर आरोपी ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि किसी को ‘F..K Off’ बोलना सेक्सु्अली कलर्ड रिमार्क नहीं है। युवक ने दलील में कहा कि उसने महिला को जाने के लिए कहा था इस दौरान यह शब्द उपयोग किए थे। इस दौरान युवक ने कैब्रिज यूनिवर्सिटी (यूके) की डिक्शनरी का हवाला भी दिया, जिसमें इस शब्द का मतलब मेंशन किया गया है ‘जाने के लिए या दूर चले जाओ.’ इसमें यह भी है कि किसी को कड़े स्वर में जाने के लिए कहने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। युवक ने दलील में कहा गया कि यह शब्द समाज, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में आमतौर पर उपयोग किया जा रहा है।
कोर्ट ने लगाई फटकार
हालांकि एडिशनल सेशन जज संजय शर्मा ने अपने 6 पेज के ऑर्डर में 29 अक्टूबर को इस याचिका को रिजेक्ट कर दिया था। इसके अलावा, घटना के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता का इरादा केवल शिकायतकर्ता को जाने के लिए कहने का था। सामान्य अर्थों में उक्त शब्द अपमानजनक, आपत्तिजनक और नीचा दिखाने वाला है। कोर्ट ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ता के वकील के तर्क में कोई योग्यता नहीं मिलती है कि शब्द के शब्दकोष का अर्थ ‘छोड़ना या जाना’ के रूप में परिभाषित किया गया है। उक्त शब्द एक ‘यौन कलर्ड रीमार्क’ है।
कोर्ट ने कहा कि केस में स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता का अपमान करते हुए ‘f..k off’ जैसा शब्द इस्तेमाल किया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता को एक कोने में और मुंह बंद करके बैठने को भी कहा। साथ ही उसे और उसके परिजनों को घर से बाहर फेंकने की धमकी भी दी है। आरोपी युवक के खिलाफ 354ए/509 और 506 के तहत मामला चलाए जाने लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।