आवाज़ ए हिमाचल
देहरादून, 10 मार्च। उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत हो रही है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी, लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ निराशा लगी है। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उनको कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने 6000 से ज्यादा वोटों से हराया है। वह ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री बने गए हैं, जो चुनाव हारे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार ने बीसी खंड़डूी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा, लेकिन बीसी खंडूड़ी खुद चुनाव हार गए थे।
भाजपा ने उत्तराखंड के 5 साल के कार्यकाल के दौरान तीन मुख्यमंत्री दिए और तीसरे सीएम धामी थे, जिनके चेहरे को चुनाव प्रचार अभियान में पोस्टरों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ धामी को ही जगह दी गई। मोदी समेत भाजपा के तमाम नेताओं ने प्रचार के मंचों से धामी को ही अगले सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया। अब वह चुनाव हार गए हैं, तो बीजेपी के सामने बड़ा संकट पेश है।
चुनाव नतीजों के रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि पुष्कर सिंह धामी ‘धाकड़ बल्लेबाज़’ साबित हुए, लेकिन उनका चुनाव हार जाना अब पार्टी के लिए संकट हो गया है। पार्टी की प्रक्रिया है, जिसके तहत सीएम का चयन किया जाता है।विधानमंडल अपना नेता चुनेगा और उसके बाद पार्टी हाईकमान सीएम के नाम पर मुहर लगाएगा।
वहीं, 2017 में कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ा लेकिन वह खुद दो सीटों से चुनाव हार गए थे। इस सूची में पुष्कर सिंह धामी का नाम भी दर्ज हो गया है।
आपको बता दें कि वर्ष 2012 में भाजपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेनि) भुवन चंद्र खंडूड़ी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया है। उस समय नारा चला था कि खंडूड़ी है जरूरी।
भुवन चंद्र खंडूड़ी ने कोटद्वार विधानसभा सीट से ताल ठोगी। खंडूड़ी को कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी 4623 वोटों से हराया। बीसी खंडूड़ी को 27174 वोट पड़े, जबकि सुरेंद्र सिंह नेगी को 31797 वोटा मिले थे।