आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। ऐप के दुरुपयोग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी कंट्रोल वाली 9 कंपनियों के अकाउंट बैलेंस की जांच की और 9.82 करोड़ रुपये जमा राशि को जब्त कर लिया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कई कंपनियों द्धारा ‘एचपीजेड’ नामक ऐप-आधारित टोकन और इसी तरह के अन्य ऐप के दुरुपयोग से संबंधित एक जांच के संबंध में यह कार्रवाई की।
कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मोबिक्रेड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक डेटा टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैतू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, अलीये नेटवर्क टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वीकैश टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, लार्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक बर्ड टेक्नोलॉजी जैसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्राइवेट लिमिटेड और ऐसपर्ल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड। ईडी ने एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कोहिमा, नागालैंड द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत 8 अक्टूबर, 2021 की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
ईडी ने कहा कि, एचपीजेड टोकन एक “ऐप-आधारित टोकन” था, जिसने उपयोगकर्ताओं को “बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए खनन मशीनों में निवेश” के रूप में घोषित करके निवेश के खिलाफ बड़े लाभ का वादा किया था। धोखेबाजों का तरीका सबसे पहले पीड़ितों को अपनी कंपनियों में निवेश करने के लिए “ऐप एचपीजेड टोकन” और इसी तरह के अन्य अनुप्रयोगों के माध्यम से अपने निवेश को दोगुना और गुणा करने के लिए आकर्षित करना था।
ईडी की जांच से पता चला है कि विभिन्न चीनी-नियंत्रित संस्थाएं जैसे- कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य, विभिन्न एनबीएफसी के साथ सेवा समझौतों में भी कई संदिग्ध ऋण / अन्य ऐप (जैसे कैशहोम, कैशमार्ट, आसान ऋण आदि) संचालित कर रहे थे और इन ऐप के संचालन के बहाने जनता से धन प्राप्त करने में लिप्त थे। ईडी ने इससे पहले 14 सितंबर को की गई तलाशी के दौरान 46.67 करोड़ रुपये के बैंक और वर्चुअल अकाउंट बैलेंस को फ्रीज कर दिया था। वर्तमान फ्रीजिंग के साथ, इस मामले में अब तक कुल 56.49 करोड़ रुपये फ्रीज किए जा चुके हैं।