आवाज़-ए-हिमाचल
23 अक्टूबर : केंद्र सरकार ने एनएचएआई निदेशक को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं की फोरलेन निर्माण के पहले चरण मटौर-ज्वालामुखी पैकेज-5 की टेंडर प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी कर दी जाएगी। बता दे की करीब 10 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले शिमला-मटौर फोरलेन का निर्माण कार्य अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ही करेगा। वहीं, आदेश मिलते ही फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज कर दी है। 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद ही टेंडर होंगे। इसकी पुष्टि शिमला-फोरलेन के परियोजना निदेशक वाईए राउत ने की है। इस फोरलेन के बनने से मटौर से शिमला की दूरी 225 से 180 किलोमीटर रह जाएगी। आठ घंटे का सफर भी आधा हो जाएगा। बताते दें कि एनएचएआई ने लागत ज्यादा होने के कारण फोरलेन निर्माण से हाथ पीछे खींच लिए थे।
एनएचएआई ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखकर इस फोरलेन को प्रदेश के लोक निर्माण विभाग को सौंपने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि इस सड़क पर इतना यातायात नहीं है कि इससे खर्च की भरपाई हो सके। इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाया था। इस पर मंत्रालय ने एनएचएआई की इस दलील को खारिज कर फोरलेन निर्माण के आधिकारिक आदेश जारी कर दिए और एनएचएआई को ही काम करने को कहा है। अब केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद इस कार्य में तेजी आएगी। एनएचएआई के निदेशक ने बताया कि पैकेज-5 मटौर-ज्वालामुखी की टेंडर प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी हो जाएगी। केंद्र सरकार का आदेश है कि किसी भी प्रोजेक्ट का टेंडर तभी होगा, जब इसका 90 प्रतिशत भू अधिग्रहण पूरा होगा। इस पैकेज का कार्य होने के बाद बाकी पैकेज के कार्य में भी तेजी आएगी।